छल कर जिला पंचायतों पर काबिज होना चाहती है सपा: बाजपेयी

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अपनाई जा रही कार्यशैली को मनमाना संवैधानिक व्यवस्था से परे बताया तथा कहा कि जनता में विश्वास खो चुकी प्रदेश सरकार छल करके जिला पंचायतों पर काबिज होना चाहती है जिसे प्रदेश की जनता सफल नहीं होने देगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पंचायत चुनावों को लेकर सवाल किया है कि सरकार बताये कि जिला पंचायत सदस्यों जिनका कार्यकाल मार्च 2016 में पूरा हो रहा है उनका चुनाव 5 माह पहले कराने के पीछे मंशा क्या है, जिन जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल मार्च में समाप्त हो रहा है नए जिला पंचायत सदस्य चुने जाने के बाद जनता के बीच और तथा जिला प्रशासन किसे पंचायत सदस्य के रूप में किसे मान्यता देगा, क्या इससे प्रदेश भर में अव्यवस्था का माहौल नहीं बनेगा सहित अन्य सवाल उठाये। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी व प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय कल्याण सिंह जी ने गांधी जी के ग्राम स्वराज्य, पं. दीनदयाल जी के अन्त्योदय तथा डा. अम्बेडकर की परिकल्पना को साकार करने के लिए उप्र में 73वें संविधान संशोधन को लागू किया था तथा 32 विभागों के अधिकार पंचायतो को सौंपा था इसके अतिरिक्त ग्रामीण विकास का 70 प्रतिशत धन सीधे पंचायतों के खातों के हस्तान्तरित किये जाने की व्यवस्था की थी। डा. बाजपेयी ने कहा कि सपा व बसपा दोनों ही गांवो की चुनी हुई सरकार के खिलाफ है इसी कारण बसपा सरकार द्वारा प्रदेश में समाप्त किये गये उप ग्राम प्रधान, उप ब्लाक प्रमुख तथा उप जिला पंचायत अध्यक्ष के पद का समाप्त कर दिया जिसे सपा सरकार ने भी यथावत रखा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार 73वें संविधान संशोधन की भावनाओं के विपरीत ग्राम प्रधान के चुनाव को 6 माह अकारण टाला है क्यों कि संविधान के अनुच्छेद 243 में चुनाव कार्यकाल पूर्ण होने से पहले चुनाव कराये जाने की व्यवस्था है तथा परिसीमन तथा आबादी के आधार पर आरक्षण व चक्रानुक्रमण की अनदेखी कर मनमाने ढंग से इसे लागू करने पर उतारू है जिसका भाजपा पुरूजोर विरोध करेगी और सरकार के मनमाने रवैये के खिलाफ न्यायालय के द्वार पर भी दस्तक देगी।