यूपी में अब दलितों को लुभाने में लगी सपा

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लखनऊ। यूपी में मिशन 2017 की तैयारी में जुटी सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने सभी वर्गों में अपनी पैठ बनाने तेज कर दी है। इसीक्र में सपा ने अब दलितों को भी जोडऩे की कवायद शुरू की है। आजमगढ़ में दलितों का बड़ा सम्मेलन करके सपा उनका विश्वास जीतने में लगी है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दलित वोटों को तोडऩे और समाजवादी पार्टी से जोडऩे के लिए समाजवादी पार्टी के दलित नेताओं का जत्था दिन-रात एक किए हुए है। पूरे प्रदेश के सभी 18 मंडलों पर दलित सम्मेलन कर दलितों को रिझाने की योजना के तहत समाजवादी पार्टी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से सम्मेलन का आगाज 11 जुलाई को करेगी। इस रैली के मुख्य अतिथि सांसद धर्मेन्द्र यादव होंगे और रैली समापन लखनऊ में राष्ट्रव्यापी दलित रैली कर होगा। एससी-एसटी के अध्यक्ष सुभाष पासी ने बताया कि समाजवादी पार्टी के पहले दलित सम्मेलन को सफल बनाने के लिए प्रदेश भर के दलित नेताओं के साथ ही सपा के कार्यकर्ता काफी मेहनत कर रहे हैं। दलितों को सम्मेलन में बुलाने के साथ-साथ सरकार ने जो दलितों के हितों के लिए किए हैं, उन्हें जनता के बीच पहुंचाने के लिए समाजवादी जन संदेश रथ यात्रा भी दलितों को जागरुक कर रही है। सपा के दलित नेताओं का कहना है कि रैली में बड़ी संख्या में दलितों के आने की सम्भावना है। इस रैली के माध्यम से उन्हें सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा और उन्हें पार्टी से जोड़ा जाएगा। सिर्फ समाजवादी पार्टी ही नहीं दलितों के वोट बैंक पर निशाना भाजपा-कांग्रेस का भी है। समय-समय पर इन दोनों पार्टियां भी मौके का फायदा उठाने के लिए भरपूर कोशिश करती हैं। कांग्रेस ने डा. अम्बेडकर की जयंती मनाने का एलान किया था। इसके अलावा भाजपा ने कांशीराम और डा. अंबेडकर पर अपनी के माध्यम से दलितों को यह याद कराने की कोशिश की सिर्फ बसपा ही नहीं भाजपा भी इनकी हिमायती पार्टी है।