हेराल्ड मामले में बढ़ी सोनिया- राहुल की मुश्किलें

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नई दिल्ली। बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के अधिग्रहण मामले में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और उनके बेटे व पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की दिक्कतें बढऩे वाली है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह केस दोबारा खोलने का फैसला किया है। अगस्त महीने में प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व निदेशक राजन एस कटोच की राय पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जांच को तकनीकी कारणों के आधार पर बंद कर दिया था। कटोच ने कहा था कि सोनिया-राहुल के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है।
कटोच को बाद में पद से हटा दिया गया था और स्पेशल डायरेक्टर करनैल सिंह को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी। इस मामले में शिकायतकर्ता भाजपा नेता सुब्रह्मणयम स्वामी ने जांच बंद करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ईडी अधिकारियों की शिकायत की थी। उनका कहना था कि जांच को भटकाने के लिए जानबूझ कर देरी की जा रही है। इस संबंध मे उन्होंने 11 और 12 अगस्त को दो पत्र भी भेजे थे। उन्होंने कटोच पर सोनिया व राहुल को बचाने का आरोप लगाया था। स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस ने यंग इंडियन नाम से कंपनी बनाकर फर्जीवाड़ा कर नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी द एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति प कब्जा कर लिया। मामले के अनुसार कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को कंपनी की 90 करोड़ की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया। इसके बाद 5 लाख रूपये की यंग इंडियन कंपनी बनाई, जिसमें सोनिया-राहुल की 38-38 और वोरा व फर्नाडिस की 24 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद यंग इंडियन को कंपनी के 10-10 रूपये के नौ करोड़ शेयर दे दिए गए लेकिन इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया यानिक की यंग इंडियन को मुफ्त में नेशनल हेराल्ड का हक मिल गया। स्वामी ने इस मामले में हवाला कारोबार का शक जताया है। नेशनल हेराल्ड की 1938 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने स्थापना की थी। 2008 में इस अखबार में कामकाज बंद हो गया।