काली कमाई: लकड़ी के टाल से टॉप पर पहुंचे बाबू सिंह कुशवाहा

babu singh kushwaha
लखनऊ। बसपा हुकूमत में मुख्यमंत्री के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा और उनके सहयोगियों ने भ्रष्टाचार के जरिये अकूत संपत्ति बनाई लेकिन कुछ ही वर्षों में यह संपत्ति रेत की तरह फिसलने लगी है। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 196 करोड़ रुपये की उनकी संपत्ति जब्त कर ली। कुशवाहा सन 2012 से ही जेल में हैं।
बाबू सिंह कुशवाहा ने बांदा, लखनऊ, नोएडा और दिल्ली में फ्लैट, भूखंड, शापिंग मॉल और बहुत सी संपत्तियां बनाई थीं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और उप्र श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) में हेराफेरी से हासिल की गई रकम इनमें लगी थी। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि बहुत सी संपत्तियां बाबू सिंह कुशवाहा के परिवार और कुछ उनके करीबियों के नाम पर है। राजधानी के कसमांडा हाऊस, दर्पण मर्केंटाइल और दिल्ली के करोलबाग में तीन मंजिला शॉपिंग कांप्लेक्स अब ईडी के कब्जे में है। इसके अलावा बैंक में जमा कुशवाहा के नकद 7.30 करोड़ रुपये पर भी ईडी का शिकंजा है। लखनऊ के गौरी में सात एकड़ जमीन भी इसी में शामिल है। कभी बांदा के अतर्रा में लकड़ी की टाल से खर्च चलाने वाले बाबू सिंह कुशवाहा ने कभी यह सोचा भी नहीं होगा कि वह बुलंदियों का सफर करेंगे। समय और मुकद्दर ने साथ दिया और वह कांशीराम के संपर्क में आ गये। फिर क्या, काम की निष्ठा से नजदीकियां बढ़ती गईं और उन्हें पदों से नवाजा जाने लगा। दो दशक में वह फर्श से अर्श तक पहुंच गये। समय ने ऐसी करवट बदली कि बाबू फिर फर्श पर आ गए। बाबू सिंह कुशवाहा के सहयोगी सौरभ जैन का भी कसमंडा हाउस में स्थित फ्लैट को सील कर दिया गया है। इसकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपये बतायी जा रही है।