बर्निंग टॉपिक बनी दंगों की रिपोर्ट

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लखनऊ। दो साल पहले मुजफ्फरनगर में भडके दंगों के लिए गठित रिटायर्ड जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और इसकी कॉपी राज्यपाल राम नाइक को सौंप दी है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार, रिपोर्ट में दंगा भड़कने के लिए स्थानीय नेताओं के बयानों को जिम्मेवार ठहराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक घटना घटने के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में कुछ प्रमुख दलों के स्थानीय नेताओं के बयानों ने आग में घी का काम किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दंगा स्थानीय अधिकारियों के निकम्मेपन के कारण फैला। इस रिपोर्ट को सौंपे जाने के बाद इस पर राजनीति भी तेज हो गयी है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा है कि इस दंगों में जो भी दोषी हो या जो भी शामिल हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में दुर्भाग्य यह है कि आयोगों की सिफारिशें लागू नहीं होती है वहीं, भाजपा नेता संगीत सोम ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इसका कोई मतलब नहीं है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि हम इस जांच आयोग की रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और उसके बाद ही पार्टी की ओर से औपचारिक बयान देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि दंगों को भडकाने में समाजवादी पार्टी का हाथ था। वहीं सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दंगा पीडितों को राहत पहुंचाने के लिए पैसे व संसाधन पहुंचाये। उन्होंने सपा पर लग रहे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह भला सरकार अपने ही राज्य में ऐसा क्यों करेगी। रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने के बाद एक टीवी चैनल से बातचीत में रिटायर्ड जस्टिस विष्णु सहाय ने कहा कि हमने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी दी है। उन्होंने कहा कि हमने अखबार में रिपोर्ट तैयार करने के संबंध में विज्ञापन निकाला था कि लोग अपना पक्ष रख सकते हैं और इसके लिए हलफनामा दाखिल कर सकते हैं।