मुख्य सचिव का आदेश: डिस्टिक पोर्टल बने और सशक्त

alok ranjanलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने समस्त प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को अपने विभाग से सम्बन्धित 90 सेवाओं को इलेक्ट्रानिक प्रणाली से उपलब्ध कराये जाने तथा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से निर्धारित समय-सीमा के अन्दर इन्टीग्रेट कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों जिनका उल्लेख संलग्नकों में नहीं है, के द्वारा भी वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदत्त की जा रही सेवाओं को ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक साफ्टवेयर एवं हार्डवेयर की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाये तथा विकसित होने वाले पोर्टल्स का इन्टीग्रेशन भी यथासंभव ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आईटी नीति-2015 में विभागों द्वारा आईटी सम्बन्धी कार्यों के सम्पादन हेतु आय-व्ययक में 2 प्रतिशत की धनराशि रखे जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा है कि सेवाओं को इलेक्ट्रानिक प्रणाली से उपलब्ध कराने हेतु आय-व्ययक में आवश्यक धनराशि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करा ली जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त प्रमुख सचिवों और सचिवों को परिपत्र निर्गत कर दिये। 9 विभागों की 26 शासकीय सेवाओं को केवल इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से ही प्रदान किये जाने हेतु यथावश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराकर विभाग स्तर से मैनुअल प्रक्रिया को समाप्त किये जाने हेतु शासनादेश निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि अन्य समस्त विभाग जिनकी सेवायें वर्तमान में ऑनलाईन माध्यम से आम जनमानस को उपलब्ध करायी जा रही है, को भी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से इन्ट्रीग्रेट कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 9 विभागों की 26 शासकीय सेवायें इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से आम जनमानस को उपलब्ध करायी जा रही है, जिससे अब तक प्रदेश के 5.11 करोड़ आम जनमानस लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आम जनमानस को शासकीय सेवायें त्वरित गति एवं पारदर्शिता से उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री के जनहितकारी कार्यक्रमों तथा विकास के एजेण्डा में सम्मिलित है।