पेट से लीजिए सांस मिलेगी मानसिक शांति

हेल्थ डेस्क। जीवन में सांस बड़ा महत्व है और इन्हीं की गिनती पर पूरा जीवन चलता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इस बारे में नहीं सोचते हैं कि सांस का क्या महत्व है। जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, वैसे – वैसे हमारी सांसें भी तेज चलने लगती हैं और हमारी कोशिकाओं तक ढंग से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। इस कारण स्ट्रेट-रेस्पॉन्स सिस्टम भी ज्यादा सक्रिय हो जाता है। नतीजतन हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और कई तरह के रोग हमें आ घेरते हैं। तकरीबन 80 प्रतिशत बीमारियां तनाव के कारण होती हैं और अगर हम अपने आंतरिक सॉफ्टवेयर को ब्रीदिंग के माध्यम से रेगुलेट करना सीख जाएं, तो शरीर का हर हिस्सा सही ढंग से काम करने लगेगा। प्राणायाम करने से अपनी ब्रीदिंग तकनीक पर काबू पाकर अपने शरीर को साधा जा सकता है। शोध के परिणाम बताते हैं कि आधुनिक जीवनशैली में पला-बढ़ा दुनिया का हर इंसान गलत तरीके से सांस ले रहा है। शोध में पाया गया कि आधुनिक मनुष्य अपने फेफड़ों की सांसों को भरने की क्षमता का केवल 30 प्रतिशत ही उपयोग कर रहा है। बाकी की 70 प्रतिशत क्षमता प्रयोग में न आने की वजह से बेकार ही रह जाती है। पेट से सांस न लेना अकसर हम उथली-उथली सांस लेते हैं ,जोकि सांस लेने का गलत तरीका है। सांस हमेशा पेट से लनी चाहिए। इस तरह सांस न केवल आपको शारीरिक तौर पर फायदा देगी, बल्कि यह आपको मानसिक तौर पर शांत भी करेगी।