कानून व्यवस्था में कोताही की तो खैर नहीं: मुख्य सचिव

alok ranjanलखनऊ। यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना, अपराधों पर नियंत्रण तथा साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण बनाये रखना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी जिले में कहीं से भी यदि कोई ऐसी घटना होती है, जिसमें साम्प्रदायिक सौहार्द एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगडऩे की आशंका हो, वहां जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं अधीनस्थ मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी तत्काल घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किए जाने के निर्देश दिये गये है।
मुख्य सचिव ने प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों, आईजी एवं डीआईजी सहित सभी जिलाधिकारियों एवं जनपदीय पुलिस अधीक्षकों को आज परिपत्र निर्गत कर निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्गत आदेशों में वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि घटनास्थल पर तत्काल पहुंचने से छोटी घटना को विकराल रुप ग्रहण करने एवं उसके परिणामस्वरुप साम्प्रदायिक सौहार्द बिगडऩे एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति पर त्वरित एवं प्रभावी रुप से अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने घटना के लिये जिम्मेदार प्रत्येक अराजक एवं असामाजिक तत्व के विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये है। शासन द्वारा जारी निर्देशों मे कहा गया है कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा चुनाव के दौरान प्रदेश के कुछ असामाजिक अराजक तत्वों द्वारा निजी स्वार्थवश प्रदेश में अमन चैन शान्ति व्यवस्था तथा साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण बिगाडऩे के प्रयास किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शान्ति व्यवस्था एवं अमन चैन प्रत्येक दशा में बनाये रखने हेतु समय-समय पर पूर्व में आदेश निर्गत कर निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियो, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को एक-दूसरे से समन्वय बनाए रखते हुये साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने हेतु निरन्तर समीक्षा करते रहने के निर्देश दिये है।
श्री आलोक रंजन ने कहा है कि मजिस्ट्रेट एवं पुलिस के बीच में प्रभावी एवं कार्यकारी समन्वय होना चाहिए। यह समन्वय जिला स्तर, अपर जिला मजिस्ट्रेट एवं अपर पुलिस अधीक्षक स्तर तथा उप जिला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस उपाधीक्षक, क्षेत्राधिकारी के स्तर पर सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला पुलिस प्रभारी का है। यदि किसी जिले में समन्वय का अभाव पाया जाता है अथवा समन्वय के अभाव के कारण कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो जिले के सर्वोच्च अधिकारियों का व्यक्तिगत उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।