दवाओं की खोज ने दिलाया नोबेल पुरस्कार

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नेशनल डेस्क। औषधि क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार का एलान कर दिया गया। आधा अवार्ड आयरलैंड के कैम्पबेल और जापान के सतोशी ओमुरा को संयुक्त रूप से राउंडवर्म पैरासाइट्स डिजी की दवा खोजने के लिए दिया गया। वहीं अवार्ड का दूसरा हिस्सा चीन के यूयू तु को मलेरिया बीमारी के खिलाफ नए-नए उपचार की खोज करने के लिए दिया गया।
इस पुरस्कार की घोषणा स्टॉकहोम में चिकित्सा पर नोबेल कमेटी की सचिव अरबन लेन्डाल ने की। नोबल प्राइज देने वाली अथॉरिटी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस साल के नोबेल प्राइज विनर्स ने कुछ बेहद खतरनाक परजीवी बीमारियों के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं।
गौरतलब है कि हर साल मलेरिया की चपेट में आने से 4,50,000 से ज्यादा लोग मारे जाते हैं। वहीं, अरबों लोगों में इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। वहीं राउंडवर्म पैरासाइट्स से दुनिया की एक तिहाई आबादी प्रभावित है। इससे रिवर ब्लाइंडनेस और लिम्फैटिक फायलैरियासिस समेत कई बीमारियां होती हैं। इन बिमारियों के लिए ढूढ़ी गईं दवाएं गेमचेंजर साबित हुईं। इन दवाईयों के नाम कई दशकों बाद इन बीमारियों से जुड़ी दो दवाओं की खोज गेमचेंजर साबित हुई हैं।