आईटी उपवन से मेधावियों को मिलेगा सही प्लेटफार्म

up govtलखनऊ। आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अधीन श्रीट्रान इण्डिया लि. द्वारा 15 अक्टूबर को स्टार्ट-अप कान्सेप्ट पर आधारित आईटी उपवन का शुभारम्भ राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन करेंगे। यूपी के छात्र-छात्राओं उदीयमान प्रतिभाओं के लिये नव-प्रवर्तन, अन्वेषण तथा अपने उद्यमों का निर्माण एवं विकास करने हेतु आईटी उपवन योजना के माध्यम से अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने हेतु शासन की इस योजना के अन्तर्गत स्टार्ट-अप कान्सेप्ट पर आधारित आईटी उपवन (आईटी इक्यूबेशन सेन्टर) के लखनऊ केन्द्र की स्थापना के संबंध में सम्पूर्ण कार्यवाही श्रीट्रॉन इण्डिया लि. द्वारा पूर्ण करायी गई है इसके अन्तर्गत 50 सीट की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेश में वर्तमान में लगभग 800 इंजीनियरिंग कालेज हैं तथा लगभग प्रतिवर्ष 96000 इंजीनियर छात्र उत्तीर्ण होते हैं, जिनमें से केवल 20 प्रतिशत को ही तुरन्त रोजगार प्राप्त होता है। विशेष सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जीएस नवीन कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है तथा प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा छात्रों को लैपटाप वितरण के फलस्वरूप आने वाले वर्षों में प्रौद्योगिकी से उनका सम्पर्क बढ़ रहा है। इससे नये उद्यमी उदीयमान होंगे जो रोजगार-प्राप्ति के आकांक्षी न होकर रोजगार-प्रदाता बनेंगे। इंटेलीजेंसी के मामले में प्रदेश के इंजीनियर्स सम्पूर्ण भारत के किसी भाग के इंजीनियर्स के समकक्ष हैं किन्तु पूंजी, अवस्थापना सुविधायें, सहयोग और उचित परामर्श की कमी उन्हें उद्यमिता-पथ पर आगे नहीं बढऩे देती।
जिला मुख्यालयों को जोडऩे वाली सड़कों पर ध्यान दे केन्द्र सरकार
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रदेश की जनपद मुख्यालयों को सड़कों से जोडऩे की योजना में अपेक्षित सहयोग न प्रदान किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुये एनएचएआई द्वारा जोड़े जाने वाले जनपदों के संबंध में भारत सरकार स्तर पर आगामी 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में होने वाली बैठक में विषेष ध्यान आकर्षित कराये जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मार्गों के रख-रखाव हेतु बजट में प्राविधानित 1000 करोड़ रुपये के सापेक्ष 14वां वित्त आयोग द्वारा 500 करोड़ रुपये की धनराशि से उपलब्ध कराने की सहमति प्रदान की गयी थी, जिसमें से 250 करोड़ रुपये की धनराशि ही अवमुक्त की जा चुकी है, अवशेष धनराशि मार्गों की मरम्मत किए जाने की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए 250 करोड़ रुपये की धनराशि तुरंत की जाये।
उन्होंने कहा कि हाई टेंशन लाईन शिफ्ट न होने तथा बिजली का ब्लॉकेज न मिलने के कारण काफी समय से बाधित रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण रेलवे विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर यथा शीघ्र पूर्ण कराया जाये।