प्रेसीडेंट प्रणव बोले: दखलंदाजी न करें लोकतंत्र के तंत्र

pranav mukhनई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सहिष्णुता को लेकर कड़ा संदेश दिया है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि लोगों का न्यायपालिका में विश्वास और भरोसा बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर लोग सामाजिक आर्थिक तौर पर बेहद पिछड़े हुए हैं। इसलिए न्याय व्यवस्था ऐसी हो कि इन लोगों की वहां तक आसानी से पहुंच हो पाए। राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र के सभी तंत्रों को अपने अधिकार क्षेत्र में काम करना चाहिए। कहीं ऐसा ना हो कि ये दूसरे के अधिकार क्षेत्र में दखलंदाजी करे। न्यायपालिका के संदर्भ में मुखर्जी ने कहा कि न्याय तंत्र में सक्रियता ऐसी नहीं होनी चाहिए जो सत्ता की शक्ति को कमजोर करे। उन्होंने कहा कि हमारे देश की आबादी करीब एक करोड़ तीस लाख की है और यहां पर करीब 120 भाषाएं बोली जाती है। साथ ही, यहां के लोगों की कई धर्मों में आस्था है। लेकिन, ये देश लगातार आगे बढ़ा है उसकी वजह है सहिष्णुता। बहुलतावाद की कई बार परीक्षा ली गई है लेकिन इसे संरक्षित किए जाने की जरुरत है।