योगी की चेतावनी: बन रहा है धर्मयुद्ध का माहौल

Yogi-Adityanathगोरखपुर। गोरक्षपीठाधीवर भाजपा सांसद महंत योगी आदित्यनाथ ने भारत की सांस्कृतिक अखंडता तोडऩे की साजिश बताया है। योगी का मानना है कि अगर यह सब जल्द नहीं थमा तो कोई विधाता देश में धर्मयुद्ध होने से नहीं रोक सकता। गोमांस विवाद पर कहा कि देश की 85 फीसद जनता गोमांस खाना मानव मांस खाने के समान ही अपराध और पाप मानती है, इसलिए बहुसंख्यक जनता की भावनाओं को अनदेखा करते हुए यहां गोमांस भक्षण पूर्णत: निषिद्ध करना ही उचित है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 55वें प्रांत अधिवेशन में योगी ने कहा कि एक साजिश के तहत लगातार भारत की संस्कृति पर आघात हो रहा है। यहां बच्चों को शौर्य और पराक्रम के उदाहरण में महाराणा प्रताप, शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह की जगह रुस्तम और सोहराब की कहानियां पढ़ाई जा रही हैं। यह सब कुछ बदलना होगा। आज उस संस्कृति के लोगों को सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया जा रहा है जो शुरुआत से ही सहिष्णु है। उस संस्कृति ने जिसने बुद्ध और चार्वाक को अपना माना, कभी तलवार के बल पर अपना मत मानने को किसी को विवश नहीं किया, उसे कुछ विधर्मी सहिष्णुता की परिभाषा सिखा रहे हैं। केंद्र सरकार पर कई साहित्यकारों, इतिहासकारों और फिल्मकारों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा सांसद ने इसे देश तोडऩे की प्रवृत्ति कहा। उन्होंने कहा कि कथित बुद्धिजीवियों का कार्टून विवाद और बीफ भक्षण मामले में अलग-अलग नजरिया पेश करना, इनके दो-मुंहापन का परिचायक है। इस देश में लोग आतंकवादी याकूब मेमन की फांसी रुकवाने को आखिरी दम तक कोशिश करते हैं, अफजल गुरु की फांसी पर आंसू बहाते हुए कुछ लोगों को मानवाधिकार की याद आती है पर जब आतंकी घटनाओं और नक्सलियों के हाथों निरपराध लोग मारे जाते हैं तब किसी को मानवाधिकारों की याद नहीं आती। आज उस हिदू संस्कृति के अंत:करण पर चोट हो रही है। ऐसे में हमारा पुरुषार्थ किस दिन के लिए है। युवाओं को इसके लिए आगे आना होगा।
एजेंसियां