दिल्लीवासियों के लिए इन्द्र बने केजरीवाल

 

नयी दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में अबाध जल आपूर्ति की समस्या के समाधान की कमान अब अपने हाथों में ले ली है। इसके लिये केजरीवाल ने जल मंत्रालय अपने पास रखने का फैसला किया है। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर आज मंजूरी दे दी।
साल 2015 में आम आदमी पार्टी की दूसरी बार सरकार बनने पर केजरीवाल ने अपने पास कोई मंत्रालय नहीं रखने का फैसला किया था। इस वर्ष 20 जुलाई को किये गये मंत्रिमंडल में फेरबदल के तहत केजरीवाल ने पहली बार मंत्री बनाये गये आप विधायक राजेन्द्र पाल गौतम को जल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी। गौतम को सरकार से बगावत करने वाले मंत्री कपिल मिश्रा की जगह यह मंत्रालय सौंपा गया था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मिश्रा को मंत्री पद से हटाये जाने का कारण पानी की शिकायतों के उचित निपटारे में नाकामी को बताया था। इसके बाद से ही मिश्रा ने केजरीवाल के खिलाफ निशाना साधते हुये पार्टी से बगावत कर दी। सूत्रों के मुताबिक गौतम द्वारा भी पानी की समस्या का संतोषजनक निदान नहीं कर पाने के कारण केजरीवाल ने अब यह मंत्रालय अपने हाथों में लेने का फैसला किया है।
सरकार की ओर से आज जारी अधिसूचना के मुताबिक उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री से परामर्श के बाद इस आशय के फैसले पर मंजूरी प्रदान की है। मंत्रिमंडल में मामूली फेरबदल के बाद अन्य मंत्रियों के मंत्रालय यथावत रखे गये हैं। इसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास शिक्षा, वित्त, पर्यटन, योजना, भूमि एवं भवन, सतर्कता, सेवा, महिला एवं बाल कल्याण, कला संस्कृति एवं भाषा के अलावा वे सभी विभाग रहेंगे जो अन्य मंत्रियों के पास नहीं हैं। जबकि मंत्री सत्येन्द्र जैन के पास स्वास्थ्य, लोकनिर्माण विभाग, ऊर्जा, गृह, शहरी विकास और उद्योग विभाग, गोपाल राय के पास रोजगार, श्रम, सामान्य प्रशासनिक, विकास और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग रहेंगे।
अन्य मंत्रियों में गौतम के पास अब अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग, सहकारिता, गुरुद्वारा चुनाव और समाज कल्याण विभाग रह गया है। इसके अतिरिक्त कैलाश गहलोत के पास कानून, परिवहन, प्रशासनिक सुधार, राजस्व और सूचना एवं प्रोद्यौगिकी विभाग और इमरान हुसैन के पास चुनाव, खाद्य एवं आपूर्ति तथा वन एवं पर्यावरण विभागों की जिम्मेदारी है।