बीएचयू में बवाल: कैंपस 2 अक्टूबर तक के लिए बंद

 

वाराणसी। बीएचयू में छेडख़ानी का विरोध करते हुए सिंहद्वार पर दो दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं का आंदोलन शनिवार को और हिंसक हो गया। शनिवार देर रात यूनिवर्सिटी में हिंसा बढ़ी और रविवार सुबह तक भी परिसर के बाहर बवाल का आलम रहा। हालात को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात हुए। कैंपस को 2 अक्टूबर तक बंद करने का ऐलान किया गया। वहीं दूसरी ओर कवरेज कर रहे पत्रकारों से मारपीट के मामले में भी बवाल मचा है। पत्रकारों ने बढ़ती हिंसक वारादातों को लेकर प्रदर्शन करने की रणनीति बनायी है।
कल से दशहरा की तैयारियां शुरू होने वाली थी और पीएम मोदी भी कल ही बनारस से लौटे हैं और इधर छात्राओं का प्रदर्शन और बढ़ गया है। 12 से ज्यादा छात्राएं पुलिस से झड़प में घायल हो गईं, उन्हें अस्पताल ले जाया गया है, कुछ छात्राओं ने जब जबरन वाइस चांसलर के घर में घुसने की कोशिश की तो उनके साथ भी पुलिस ने बदसलूकी की। एक छात्रा के बाल भी काट दिए गए। शनिवार रात 1 बजे तक पुलिस और छात्राओं के बीच झड़प चलती रही। हालात इतने बेकाबू हो गए कि 1500 से ज्यादा पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। जब छात्राओं ने वाइस चांसलर के घर में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा और हाथापाई हो गई। पुलिस ने हवाई फायरिंग की और छात्राओं पर पथराव भी किया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें धक्का दिया नीचे गिरा दिया। उनपर हाथ भी उठाया। जबकि कुछ छात्राएं प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थी, वे बस ऐसे ही दूर खड़ीं थी।वीसी लॉज के सामने छात्र-छात्रओं पर लाठीचार्ज के बाद उग्र हुए आंदोलन में पुलिस को छात्रों पर काबू पाने के लिए 35 राउंड से अधिक हवाई फायरिंग करनी पड़ी। पुलिस बल की ओर से की जा रही हवाई फायरिंग का जवाब उपद्रवी छात्रों द्वारा बोतल बम और फायरिंग से दिया जा रहा था। रात करीब पौने ग्यारह बजे छात्रों और बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों के बीच रुइया छात्रवास चौराहे के सामने तनातनी चल रही थी।छात्रों की ओर से पथराव का क्रम जारी था। सुरक्षाकर्मी अपने बचाव में पथराव कर रहे थे। करीब 11 बजे रात एसपी सिटी फोर्स की पहली टुकड़ी के साथ पहुंचे और आगजनी करने वाले छात्रों की ओर हवाई फायरिंग करते हुए आगे बढ़े। छात्रों का समूह पथवार करते हुए पीछे हट और बिड़ला छात्रवास के सामने घेराबंदी कर ली। इस बीच आगजनी कर रहे छात्रों ने बीच सडक़ पर एक स्कूटी में आग लगा दी।दूसरे ने रुइया मैदान से पेट्रोल में भीगा कपड़ा जला कर पेड़ पर फेक दिया। बिड़ला के सामने के हालात की सूचना जैसे ही सिंहद्वार पर धरना दे रहे छात्रों को मिली उन्होंने महिला महाविद्यालय के गेट पर हमला कर दिया। सैकड़ों छात्रों के उत्पात मचा रहे थे कि भरी संख्या में पुलिस बल छात्रों पर टूट पड़ा। एमएमबी चौराहे से आगे-आगे छात्र और उनके पीछे पुलिस बल। सैकड़ों पुलिसवाले बीएचयू की सडक़ों पर लाठी बरसाते दौड़ रहे थे। इधर बिड़ला के सामने बेकाबू हो रहे छात्रों को हॉस्टल में खदेडऩे के बाद पुलिस भी बिड़ला में घुस गई।इस उपद्रव के कुछ ही देर बार एमएमबी की छात्रएं भी चौराहे पर निकल आईं और सीओ कैंट की गाड़ी को घेर लिया। मौके पर वीडियोग्राफी कर रहे सिपाही से उसका कैमरा भी छीनने का प्रयास किया। देखते ही देखते छात्रओं की संख्या बढ़ती गई। छात्रएं भी बेकाबू हो गई। रात करीब एक बजे छात्रओं को काबू करने के फिर से लाठी चार्ज किया गया। ठीक आधी रात के वक्त बीएचयू सुलग रहा था। एसपी सिटी, सीओ कैंट, एसओ चेतगंज, एसओ लंका, एएओ भेलूपुर फोर्स के साथ अंदर छात्रों से मोर्चा ले रहे थे। ठीक इसी समय डीएम, एसएसपी और सीओ भेलूपुर, मौके से आठ सौ मीटर दूर संत रविादास गेट पर खड़े थे। रात करीब एक बजे आलाअधिकारी बीएचयू में दाखिल हुए।
वाराणसी। पिछले 40 घंटे से सडक़ पर धरना-प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं के प्रति बीएचयू प्रबंधन संवेदनशील रुख अपनाता तो शायद परिसर अशांत होने से बच जाता। छात्राएं वीसी को धरनास्थल पर बुलाने पर अड़ी थीं। शनिवार रात 8:30 बजे छात्राओं से बात करने कुलपति जीसी त्रिपाठी त्रिवेणी हॉस्टल जा रहे थे तभी छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इससे नाराज होकर कुलपति बिना वार्ता किए लौट गए। इसके बाद करीब डेढ़ सौ छात्र और छात्राएं कुलपति आवास प्रदर्शन करने पहुंच गए।