लखनऊ। यूपी में ‘सराब’ बड़ा मुद्दा बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण के नामांकन के बाद की अपनी पहली जनसभा में ‘सपा, रालोद व बसपा’ के गठबंधन के पहले अक्षरों को जोड़ कर ‘सराब’ बता दिया, और कही दिया सराब सेहत के हानिकारक होती है। अच्छे भारत के भविष्य के लिए हानिकारक है। नए भारत के लिए हानिकारक है। इसलिए सपा, रालोद और बसपा- इस सराब से बचकर रहें, क्योंकि यह आपको बर्बाद कर सकती है।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पीएम मोदी व भाजपा पर करारा हमला बोला है। अखिलेश ने कहा, आज टेली-प्रॉम्प्टर ने पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं। अखिलेश ने लिखा है कि ‘सराब’ को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो भाजपा पिछले पांच साल से देश की जनता को दिखा रही है जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया है तो वह नया शराब दिखा रहे हैं।
बसपा अध्यक्ष मायावती भी चुप नही रहीं। मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया ट्वीट कर दी। उन्होने कहा, व्यक्तिगत, जातिगत व सांप्रदायिक द्वेष व घृणा की राजनीति करना बीजेपी एण्ड कम्पनी की शोभा है जिसके लिये उनकी सरकार लगातार सत्ता का दुरुपयोग करती रही है। देशहित को सर्वोपरि मानकर ऐसी गरीब, लोकतंत्र व जनविरोधी सरकार से देश को मुक्ति दिलाने के लिए बसपा-सपा-आरएलडी ने गठबंधन किया है।
उन्होंने पीएम मोदी की ईमानदारी पर भी ट्वीट कर सवाल उठाए और कहा, मोदी ने आज मेरठ से लोकसभा चुनाव अभियान की शुरूआत करते हुए कहा कि मैं अपना हिसाब दूंगा लेकिन विदेश से कालाधन वापस लाकर गरीबों को 15 से 20 लाख रुपये देने व किसानों की आय दोगुनी करने के जनहित के मुद्दों का हिसाब-किताब दिये बिना ही वे मैदान छोड़ गए। चौकीदार क्या ईमानदार है?कांग्रेस भी गठबंधन को सराब बताये जाने पर गहरा एतराज किया है।