वैकुंठ एकादशी 25 दिसम्बर को: करें विष्णु को प्रसन्न

डेस्क। मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को वैकुंठ एकादशी कहते हैं। इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जानते हैं। इस साल वैकुंठ एकादशी 25 दिसंबर 2020 को है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत और पूजा-अर्चना की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैकुंठ एकादशी के दिन विधि-विधान से व्रत करने वाले भक्तों के लिए भगवान विष्णु वैकुंठ का द्वार खोलते हैं। कहते हैं कि इस व्रत के फलस्वरूप व्रती को स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस व्रत को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए भी किया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध प्रारंभ होने के पूर्व अर्जुन को श्रीमद भगवद्गीता का उपदेश दिया था। यही कारण है कि इस दिन श्रीकृष्ण व गीता की पूजा आरती करके, उसका पाठ किया जाता है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कर्मयोग पर विशेष बल दिया है तथा आत्मा को अजर-अमर अविनाशी बताया है। जैसे पुराने कपड़े को छोडक़र मनुष्य नया कपड़ा धारण करता है उसी प्रकार से आत्मा पुराने शरीर को छोडक़र नया शरीर धारण करती है।
मोक्षदा एकादशी के दिन झूठ बोलना, बुराई करना आदि चीजों का त्याग करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की धुप, दीप, नैवेद्य से पूजा करना व ब्राह्मण को भोजन कराकर दान देने से विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी की पौराणिक कथा पढऩे या सुनने से वाजपेय यज्ञ का पुण्य फल मिलता है।