गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा किए गए आदेश जीडीए प्रशासन द्वारा ना मानना एक आम बात हो गई है। इसके लिए एक उदाहरण ही काफी है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शासनादेश जारी किया गया कि उत्तर प्रदेश के समस्त विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत के करीब रखी जाए जिसके लिए विभाग अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए रोस्टर प्रणाली लागू करें लेकिन मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा तो अपने कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए रोस्टर प्रणाली लागू कर दी लेकिन गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में आज दिनांक तक भी कर्मचारियों की उपस्थिति रोस्टर प्रणाली के तहत सुनिश्चित की जाए इसके लिए रोस्टर तक भी जारी ही नहीं किया गया। शासनादेश को ताक पर रख दिया गया यानी कहे तो शासन के आदेश को ठेंगे पर रख दिया गया। जीडीए में तो अमूमन पिछले जारी हुए शासनादेशो को उठाकर देख लो तो ज्ञात होगा कि शासनादेशों को जीडीए अधिकारियों द्वारा अपने हिसाब से जनहित को दरकिनार करते हुए बहुत निर्ममता से दबा दिया जाता है। फिर चाहे शासन आदेश का पालन ना होने से जनहानि हो धन हानि हो इस से जीडीए के आकाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
जीडीए में लगातार हो रही कर्मियों की मौतें: प्रशासन शासनादेश नहीं कर रहा लागू
