अखिलेश बोले: यूपी में जमीनी हकीकत बहुत दर्दनाक

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि महज कुर्सी की चाहत में भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी गरीबों, अस्पतालों में तड़प रहे मरीजों की जिंदगी बचाने का आर्तनाद नहीं सुन रहे है। मुख्यमंत्री जी जनपदों का दौरा कर कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस पर नियंत्रण के दावे कर रहे हैं जबकि जमीनी हकीकत बहुत दर्दनाक है। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात तो छोडि़ए राजधानी लखनऊ में और खुद मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। संक्रमित मरीजो का ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है। बिना दवा, इंजेक्शन के मरीज तड़प रहे हैं। मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। याद रहे गरीब की हाय व्यर्थ नहीं जाती है। राजधानी लखनऊ में संक्रमण से रक्षा कवच के रूप में टीकाकरण का बड़ा ढोल पीटा जा रहा है जबकि अभी तक 130 दिन में 35 लाख को दूसरी डोज भी नहीं लग पाई है। अगर यही रफ्तार रहेगी तो दिवाली 2021 तक यूपी में सबको टीकाकरण का लक्ष्य कैसे पूरा हो पाएगा? कई टीकाकरण केंद्रों में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। तमाम जगहों से युवा और बुजुर्ग घंटों इंतजार के बाद लौट रहे हैे। जहां सरकार का मुख्यालय है वही लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के 200 मरीजों को भी जीवन रक्षक इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। ऊंचे रसूख वाले पिछले दरवाजे से लाभ पा रहे हैं जबकि जरूरत मंद पिछले कई दिनों से रेडक्रास सोसाइटी और बाजार में मेडिकल स्टोरों के चक्कर काट रहे हैं। अस्पताल में तड़प रहे मरीजों के तीमारदारों के दर्द को मुख्यमंत्री जी कहां महसूस कर पाएंगे? पूरे सिस्टम पर काला बाजारी की कमाई का पर्दा जो पड़ा हुआ है।