नई दिल्ली। युवा हल्ला बोल के बैनर तले आज बरोदा हाउस ऑफिस के बाहर असिस्टेंट को पायलट के सफल अभ्यर्थीयों ने धरना दिया। रेलवे असिस्टेंट लोको पायलट पिछले दो साल से नियुक्ति की इंतज़ार में हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा और पंजाब के सैकड़ों छात्र उत्तरी रेलवे ऑफिस (बरोदा हाउस) के बाहर बैठे थे।
धरना देने के घंटो बाद मजबूरी में कमरे छोडक़र कुछ बड़े अधिकारी मिलने आए। उन्होंने 16 जुलाई से प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया है। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रजत यादव कहते हैं, ” एक तरफ जहाँ दूसरी भर्तियों का ट्रेनिंग प्रक्रिया चल रहा है वहीं उत्तरी रेलवे बहाने बना रही है। कोरोना का बहाना देकर सरकार ने ट्रेनिंग सेंटर को बंद कर रखा है। राष्ट्रीय परिषद के सदस्य राकेश पाल जो खुद रेलवे परीक्षाओं के अभ्यर्थी हैं उनका कहना है, “ट्रेनिंग की प्रक्रिया रोकने का कोई जायज़ कारण नहीं है। अभ्यर्थियों का परिवार और वे खुद अब जॉइनिंग की इंतज़ार करने की स्थिति में नहीं है। सरकार को इसमें त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए। मुख्य प्रवक्ता ऋषव रंजन ने आंदोलित युवाओं के समर्थन में कहा, “जब प्रधानमंत्री मोदी कोरोना काल मे अपना महल सेंट्रल विस्टा बनवा सकते हैं तो युवाओं को नौकरी क्यों नहीं दे सकते? रेलवे अधिकारी गृह मंत्रालय पर जिम्मेवारी डाल देते हैं और अभ्यर्थी दर दर की ठोकर खाते रहता है। ज्ञात हो कि ये सभी सफल असिस्टेंट लोको पायलट पहली बार दिल्ली नहीं आए हैं। पिछले दो साल में ये तीसरी बार वे धरना पर बैठने को मजबूर हैं। तीसरी लहर से पहले किसी भी हाल में इन युवाओं को नौकरी मिलनी चाहिए।
रेलवे असिस्टेंट लोको पायलट के सफल अभ्यर्थियों का धरना
