फर्जीवाड़ा: बिना गारंटी के बैंक ने बांट दिया लोन

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। महामेधा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक द्वारा अपने चहेतों को करोड़ों रुपए का लोन बिना किसी गारंटी के बांट देने का मामला प्रकाश में आया है । बैंक प्रबंधन द्वारा अपने खाताधारकों की गाढ़ी कमाई अपने चहेते कारोबारियों तथा बिल्डरों को कर्ज के रूप में बांट दिया गया । दिलचस्प बात यह है कि इसके एवज में उनसे कोई गारंटी भी नहीं मांगी गई। रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों की सरासर धज्जियां उड़ाते हुए बैंक ने लगभग 100 करोड़ 47 लाख रुपए अपने चहेतों में बांट दिए। और तो और जिन व्यक्तियों की हैसियत 50 लाख रुपयों की नहीं थी उन्हें 5 से 10 करोड़ रुपए तक का लोन बैंक द्वारा मुहैया करवाया गया । बैंक द्वारा किए गए घोर अनियमितताओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बैंक कोचिंग सऊदी का लोन केवल 2 लाख रुपए तक ही देने का अधिकार है बैंक में करोड़ों रुपए के चेक बिना किसी छानबीन के पास कर दिए। आरबीआई के संज्ञान में आने पर बैंक का लाइसेंस निरस्त किए जाने के समय बैंक के पास 37588 खाताधारक थे जिन की गाढ़ी कमाई की रकम अब डूब चुकी है। खाता धारकों में से 1452 पर बैंक की मोटी रकम फंसी हुई है जिनमें से नौ ऐसे खाताधारकों को जो कि डिफाल्टर श्रेणी में आते हैं बैंक में लोन दे रखा है । डिफॉल्टर खाताधारकों पर बैंक का लोन अब बढक़र पेनल्टी अमाउंट के साथ 70 करोड़ के आसपास पहुंच चुका है। परंतु इतनी बड़ी रकम की रिकवरी के आसार अब मृग मरीचिका है । जानकारी के अनुसार कुल 128 व्यक्तियों पर बैंक ने अपनी विशेष मेहरबानी दिखाई जिसका खामियाजा अब बैंक के समस्त खाताधारकों को भुगतना पड़ रहा है ।