नयी दिल्ली। पेगासस जासूसी मामला तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा सोमवार को लोकसभा में हंगामा किये जाने के कारण सदन की कार्यवाही चार बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन ने ‘सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021’, ‘निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021’ और ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंजूरी प्रदान की। सरकार ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माने जा रहे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को भी आज ही पेश किया। इसके साथ ही, केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ‘राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021’ और ‘राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021’ भी पेश किये।
सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के 79 वर्ष पूरे होने का उल्लेख किया और कहा कि यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के नारे के साथ यह जन आंदोलन बन गया और अंग्रेजी दासता से मुक्त होने के लिये पूरा देश एकजुट हुआ। बिरला ने कहा कि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं जो अगले वर्ष तक चलेगा। उन्होंने कहा कि हम एकजुट होकर देश की सम्प्रभुता एवं अखंडता को बनाये रखने के लिये मिलकर काम करें। सदन ने कुछ पल मौन रहकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
चिल्लाते रहे विपक्षी सांसद: कई विधेयक हुए पास
