फिर साथ आये अखिलेश और जयंत

लखनऊ। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, मेरठ समेत वेस्ट यूपी में सपा-रालोद गठबंधन जातीय समीकरण को साधने में जुट गया है। मुस्लिम-दलित-जाट समीकरण को साधने पर जोर है। इसके तहत योगेश वर्मा, कादिर राणा, शाहिद अखलाक, हरेंद्र मलिक और अब सिवालखास के पूर्व विधायक विनोद हरित को भी गठबंधन में शामिल किया गया है।
सपा-रालोद गठबंधन के नेताओं की नजर बसपा और भाजपा के नाराज लोगों पर हैं। बसपा, भाजपा के नेताओं को सपा-रालोद में शामिल कर जातीय समीकरण को साधा जा रहा है और उसी के तहत चुनावी रणनीति तैयार की जाएगी। सपा और रालोद के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुस्लिम-दलित-जाट समीकरण ही सबसे महत्वपूर्ण है। मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली मंडल के 14 जिलों की 71 सीटों पर इस समीकरण का दबदबा माना जाता है। इसी रणनीति के तहत सपा और रालोद के नेता लगातार काम कर रहे हैं। कभी कोई नेता सपा में शामिल हो रहा है तो कभी रालोद में। दोनों दलों की नजर बसपा और भाजपा के उन नाराज नेताओं पर हैं जो किसी न किसी कारण से या तो पार्टी से निष्कासित है या असंतुष्ट नजर आ रहे हैं।