द्वारिका व ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य रहेंगे स्वरूपानंद

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इलाहाबाद। ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य की पदवी के विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी शंकराचार्य स्वरूपानंद के पक्ष में अंतरिम आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस बी के श्रीवास्तव की बेंच ने दिया है। कोर्ट ने यह आदेश निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की स्वामी वासुदेवानंद की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। हाईकोर्ट ने फैसले पर रोक लगाने की स्वामी वासुदेवानंद की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का दावा पूरी तरह सही। हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान अपनी वसीयत को साबित नहीं कर सके स्वामी वासुदेवानंद। इलाहाबाद की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इसी साल पांच मई को स्वामी वासुदेवानंद के ज्योतिर्पीठ का शंकराचार्य होने को अवैध करार देते हुए उनके नाम के साथ शंकराचार्य शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने स्वामी स्वरूपानंद के हक में फैसला सुनाया था। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के खिलाफ स्वामी वासुदेवानंद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की थी अर्जी। अपील का फैसला आने तक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की थी। स्वामी स्वरूपानंद अब द्वारिका व ज्योतिर्पीठ दोनों ही पीठों के शंकराचार्य रहेंगे।