सपा की सलाह: लोकतंत्र की मर्यादा में रहकर विपक्षी करें बयानबाजी

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्त राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि अजीब इत्तफाक है कि भाजपा और कांग्रेस के प्रवक्ता एक सुर-एक ताल में पंचायत चुनावों की निष्पक्षता पर आशंका जता रहे हें। अभी तो नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई है और दोनों दलों के नेतागण पहले ही हार की आशंका से दुबले होने लगे हैं। वे इस तरह भेडिय़ा आया की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। उनके आरोप हास्यास्पद हैं। ऐसा लगता है कि मैदान में उतरने से पहले ही वे सफेद झण्डा लहराने को मजबूर हो गए हैं। समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बारंबार आश्वस्त किया है कि पंचायत चुनाव पूरी निष्पक्षता के साथ सम्पन्न होगें। चुनावो में पूरी पारदर्शिता रहेगी और आचार संहिता का पूर्णतया पालन होगा। उत्तर प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयेाग बिना किसी दबाव के अपना काम कर रहा है और कोई कारण नहीं है कि स्वतंत्र रूप से चुनाव होने पर कोई शक किया जाए। भाजपा का हाल तो इस मामले में और बुरा है। उसके प्रवक्ता पंचायत चुनावो में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग कर रहे हैं और उनके केन्द्रीय गृहमंत्री इस मांग से सहमत नहीं हो रहे हैं। वे राजधानी लखनऊ से भाजपा के सांसद है। उन्हें यह अच्छी तरह पता है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कानून व्यवस्था के मामले में कोई ढील नहीं बरतेगें। वे लखनऊ में हो रहे विकास कार्यो की प्रगति से भी संतुष्ट बताए जाते है। वैसे भी समाजवादियों का यह चरित्र है कि वे जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं। समाजवादी सरकार ने पांच साल के चुनावी वादे साढ़े तीन साल के अंदर ही पूरे कर एक नयी व्यवस्था कायम की है। भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व को पिछली और वर्तमान सरकारों का अंतर समझना चाहिए। बसपा सरकार ने प्रशासन तंत्र का दुरूपयोग किया था और छलकपट से चुनावों में जीत दर्ज की थी। समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने अपने आचरण और व्यवहार से विपक्षी दलों के नेताओं की भी प्रंशसा अर्जित की है। उनके रहते पंचायत चुनावो में गड़बड़ी की आशंका जताना असंगत और अनपेक्षित है। विपक्षियों को लोकतंत्र की मर्यादाएं समझकर ही बयानबाजी करनी चाहिए।