खटिया बिछाई, मच्छरदानी तानी और सो गया प्रियंका का बेटा

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अमृतांशु मिश्र

अमेठी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भांजे रेहान राजीव वाड्रा पहले अपनी मां प्रियंका गांधी के साथ अमेठी आते थे अब दोस्तों के साथ गांव की रोटी खाने आ रहे हंै। यानि कांग्रेस को नेतृत्व की मुश्किल नहीं होगी। रेहान अभी महज तेरह साल के हैं। लेकिन राजीव गांधी की राजनीतिक कर्मस्थली में चहलकदमी शुरू की है। पांच जुलाई को रेहान वाड्रा ने देहरादून में पढऩे वाले दोस्तों के साथ अमेठी पहुंचे। उन्होंने एक दिन अमेठी लोकसभा के गांव व एक दिन नानी सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली के गांव में रूक कर ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने की कोशिश की। लोकसभा चुनाव के बाद यह उनका दूसरा दौरा था।
रेहान व उनके दोस्त पांच जुलाई को मुंशीगंज के संजय गांधी गेस्ट हाउस पहुंचे थे। उन्होंने पहली रात रायबरेली के एक गांव में गुजारी। जिसकी किसी को भनक नहीं ंंलगी। रायबरेली से मंगलवार को पूरी गोपनीयता बरतते हुए रेहान वाड्रा, राजीव गांधी महिला विकास परियोजना के नीलेश जैन व केएस यादव के साथ तीन लग्जरी गाडिय़ों से तीन दोस्तों के साथ गौरीगंज के कौहार गांव पहुंचे। जिस समय वे गांव में दाखिल हुए बूंदाबांदी हो रही थी। सबसे पहले वे राम स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सीमा पांडेय के घर पहुंचे। इसके बाद आसपास का माहौल देखा। सीमा के पिता से उन्होंने यात्रा को गोपनीय रखने का अनुरोध किया। सीमा ने कहा कि रेहान व उनके तीन दोस्त देहरादून में साथ पढ़ते है, इन सभी को गांव देखना था। उन्होंने गांव को बखूबी देखा ही नहीं उसे जिया भी। सीमा ने बताया कि रात के भोजन का इंतजाम पूर्व प्रधान रहे राम अवध पांडे के घर पर किया गया, जो रिश्ते में उनके बाबा है। रेहान व उसके दोस्तों के लिए लल्लन मिश्र की पत्नी आशा ने घर में शुद्ध शाकाहारी खाना बनाया था। तख्त पर बैठकर दाल, चावल व रोटी-सब्जी और अचार का मजा लिया। उनसे आम खाने की भी पेशकश की गई। रात को तीनों ने सोते समय एक-एक गिलास दूध पिया। यह दूध गांव के बोधे तिवारी के गोशाला से आया था। और वहीं तीनों दोस्त चारपाई पर मच्छरदानी लगा कर सोये। बोधे तिवारी ने कहा कि उन्होने रेहान का दौरा गोपनीय था इसलिए वे उनसे मिलने नहीं गए। गांव के दूसरे लोगों को भी उनके दौरे की भनक थी पर सभी ने सहयोग किया।