डेस्क। पंचायत चुनाव में मध्य यूपी के कानपुर समेत नौ जिलों में सपा ने सबको पछाड़ दिया है। सपा ने 338 जिला पंचायत सदस्य सीटों में से करीब 150 पर जीत हासिल की है। बाकी दलों से ज्यादा निर्दलियों ने मैदान मारा है। हालांकि इसमें अधिकतर भाजपा और सपा के बागी हैं। अधिकतर जिलों में कांग्रेस साफ दिख रही है, जबकि बसपा तीसरे नंबर है। सपा ने अपने गढ़ इटावा के अलावा औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, हरदोई के अलावा उन्नाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। इटावा की 24 में से 20…
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जेल में बंद डकैत का बेटा जीता प्रधान का चुनाव
डेस्क। डकैत ददुआ के सबसे खास रहे जेल में बंद राधे का बेटा व मारे जा चुके डकैत ठोकिया के भाई ने प्रधान पद पर कामयाबी हासिल की है। वर्ष 2005 में जब पंचायत चुनाव हुए थे तो डकैत ददुआ और ठोकिया ने परिजनों और करीबियों को निर्विरोध प्रधान, बीडीसी व डीडीसी आदि बनवाया था। अब ये दोनों डकैत मारे जा चुके हैं। डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोंकिया के भाई दीपक पटेल ने कर्वी विकासखंड की बंदरी ग्राम पंचायत से प्रधान पद पर जीत हासिल की है। उसने 535 वोट…
Read Moreपंचायत चुनाव पर किसान आंदोलन का असर: रालोद मजबूत
डेस्क। किसान आंदोलन का असर जिला पंचायत चुनाव नतीजों पर पड़ता नजर आ रहा है। अभी तक का जो रुझान सामने आया है, उसमें मेरठ-सहारनपुर-बिजनौर सभी जगह भाजपा को रालोद टक्कर दे रहा है। कुछ स्थानों पर बसपा तो कहीं सपा के उम्मीदवार भी डटे हुए हैं। असली तस्वीर सोमवार को सामने आएगी। पहली बार दलगत आधार पर हो रहे जिला पंचायत के चुनाव की घोषणा से पहले भाजपा अच्छी स्थिति में थी। लेकिन दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बाद राष्ट्रीय लोकदल एकाएक मुख्य मुकाबले में आ गया।…
Read Moreपंचायत चुनाव: मंत्री-एमएलए भी अपनों को नहीं जिता सके
डेस्क। पंचायत चुनाव ने सत्ता और विपक्ष के कई विधायकों, सांसदों यहां तक कि मंत्रियों तक को हैरत में डाल दिया है। ये दिग्गज अपने गांव में ही अपने परिवार के सदस्य को प्रधान यहां तक कि क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव नहीं जिता सके। मिली जानकारी के मुताबिक कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री के भतीजे गांव में प्रधान पद का चुनाव हार गए। निकटतम प्रतिद्वंदी ने मंत्री के भतीजे को 201 वोटों से हरा दिया। इसी प्रकार बस्ती जिले के हर्रैया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अजय सिंह की सगी…
Read Moreसैफई ने रचा इतिहास: दलित बना प्रधान
इटावा। यूपी पंचायत चुनाव 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई ने भी एक नया इतिहास रच दिया है। इस गांव में 50 वर्षों में पहली बार वोट पड़े, मतगणना हुई और मुलायम सिंह परिवार के समर्थित उम्मीदवार रामफल वाल्मीकि ने जीत हासिल की। रामफल की जीत का फासला भी बहुत बड़ा रहा। उन्हें कुल 3877 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंदी विनीता को सिर्फ 15 वोट ही मिल पाए।पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की वजह से सैफई हमेशा चर्चा में रहता है। बताया जा रहा है कि…
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