अनोखा है बिहार के कंदाहा का सूर्य मंदिर

दीपेश सिन्हा। बिहार के सहरसा जिला मुख्यालय से करीब 11 किमी दूर महिषी प्रखंड के कंदाहा में स्थापित मार्कण्डेयार्क सूर्य मंदिर भारत के 12 विख्यात सूर्य मंदिरों में से एक है। इसकी तुलना कोणार्क व देवार्क में स्थापित सूर्य मंदिरों से की जाती है। यहां स्थापित सूर्य प्रतिमा के माथे पर मेष राशि का चिन्ह रहने की वजह से मान्यता है कि इसे द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब ने स्थापित किया है। कंदाहा का सूर्य मंदिर सहरसा से करीब 20 किमी दूर महिषी प्रखंड अंतर्गत प्राचीन नाम…

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छठ पर्व का इतिहास और महत्व

डा. राधेश्याम द्विवेदी। सनातन काल से छठ पूजा: छठ पर्व या छठ कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। इस पूजा का महत्व सनातन काल से ही देखा जा सकता है। इसका आरंभ महाभारत काल में कुंती द्वारा सूर्य की आराधना तथा सूर्य के आशीर्वाद स्वरूप उन्हें पुत्र कर्ण की प्राप्ति होने के समय से ही माना जाता है। इसी प्रकार द्रोपदी ने भी छठ पूजा की थी जिस कारण पांडवों के सभी कष्ट दूर हो गए और उन्हें उनका राज्य पुन: प्राप्त होता है।…

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अबकी धनतेरस पर हैं कई शुभ योग: जमकर करिये खरीदारी

फीचर डेस्क। कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी के दिन अमृत कलश लेकर भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। इस कारण धनतेरस को अबुझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इस वर्ष धनतेरस 28 अक्टूबर को हैं। इस दिन जो भी शुभ कार्य या खरीदी कि जाए वह अमृत के समान अमर व स्थाई रहती है। धनतेरस के दिन शुक्रवार को अमृत योग वष्शिाव चतुर्दषी व ऐसे कई शुभ योग रहेंगे जो खरीददारी के लिए समृद्धिकारक होंगे। इस दिन प्रदोष काल में की गई खरीदी शुभ व लाभकारी मानी जाती है। इसकी…

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हिमाचल का खजियार है देशी स्विटजरलैंड

फीचर डेस्क। हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता के सभी कायल हैं। हिमाचल में ही स्थित खजियार अपनी खूबसूरती के कारण ही काफी मशहूर है और उसको मिनी स्विटजरलैंड भी कहा जाता है।पथरीली मिट्टी की भीनी-भीनी सोंधी सी महक, दूर-दूर तक फैली कोमल-मनमोहक हरियाली के बीच मन मचलाने वाली रंगीन शाम किसे पसंद नहीं होगी। चीड़ और देवदार के ऊँचे-लंबे हरे-भरे पेड़ों के बीच बसा खजियार दुनिया के 160 मिनी स्विटजरलैंड में से एक है। यहाँ आकर सैलानियों को आत्मिक शांति और सुकून मिलता है। पहाड़ी स्थापत्य कला में निर्मित 10वीं शताब्दी…

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अपनी अलग परम्पराओं के लिए प्रसिद्ध है सुल्तानपुर की दुर्गापूजा

सुल्तानपुर।  उत्तर-प्रदेश के सुल्तानपुर की ऐतिहासिक एवम् अनूठी दुर्गापूजा महोत्सव देश भर से अलग परम्पराओं के लिए प्रसिद्ध है। सांप्रदायिक सौहाद्र्र और सद्भावना की मिसाल और देश भर से अनूठी परम्पराओं वाली दूर्गापूजा महोत्सव में एक तरफ जहां मोहर्रम की मजलिसों में सदाये गूँज रहीं है वहीं दूसरी तरफ भव्य दुर्गाजी के पंडाल में जयकारों के बीच आरती-पूजन हो रहा है। यही नहीं दुर्गा पूजा महोत्सव में मुस्लिमों की सक्रिय भागीदारी देखने को भी मिलती है जो सद्भावना और सांप्रदायिकता की एक बेहतर मिसाल है। यहां की अनूठी दुर्गापूजा का…

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