जुगेश कुमार गुप्ता। हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहाँ पर अगर कुछ प्रधान है तो वह है कृषि। कृषि पर दुनिया की सारी अर्थव्यवस्थाएं फलती फूलती हैं, यह दैनिक जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य है जिसके बिना जीवन की कल्पना करने के लिए विज्ञान को अभी बहुत दूर तक यात्रा करना होगा। लेकिन कृषकों की हालत को गौर करें तो बदहाली की चरम सीमा अगर कहीं है तो वह खेती करने वाले किसानों और मजदूरों के हिस्से में आपको देखने को मिल जाएगी। चिलचिलाती धूप के बावजूद…
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नेहा कक्कड़ ने दिया फैन्स को संदेश
अनिल बेदाग। मुंबई। इस समय दुनिया सदी की सबसे बड़ी चुनौती कोरोनावायरस महामारी से जूझ रही है। ऐसे में दुनियाभर के कलाकार सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसे कठिन समय में दर्शकों का मनोरंजन करने की कोशिश कर रहें हैं। महामारी के कारण लॉकडाउन हो चुकी सिंगर नेहा कक्कड़ इस समय अपने परिवार के साथ ऋषिकेश में समय बिता रही हैं। एक तरफ वो इस बात से सहमत हैं कि उन्हें बाहर के खाने की याद आती है हालांकि वो वह वर्तमान स्थिति के उज्जवल पक्ष को देखती है। वह कहती…
Read Moreआज के भारत में कट्टरता की कोई जगह नहीं
डॉ नीलम महेंद्र। कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत धीरे धीरे लेकिन मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की गति कम हुई है। यह संख्या अब 7.5 दिनों में दुगुनी हो रही है। लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि कोरोना से इस लड़ाई के दौरान निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात का मारकज़ सबसे कमजोर कड़ी साबित हुआ। और शायद इसी वजह से यह संगठन जिसके नाम और गतिविधियों से…
Read Moreसलमान का गुस्सा: भगवान के लिए मत करो ऐसा
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने बंद के नियमों का उल्लंघन करने और स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव की घटनाओं पर गुस्सा और निराशा जाहिर की है। ‘भारत’ अभिनेता अभी पनवेल स्थित अपने फार्महाउस में रह रहे हैं। उन्होंने लोगों से कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सरकारी दिशानिर्देश मानने की अपील की है।‘बिग बॉस’ की छवि का इस्तेमाल करते हुए सलमान ने 10 मिनट का वीडियो इंस्टाग्राम पर जारी किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ बिग बॉस अभी शुरू नहीं हो रहा है, यहां जिंदगी का बिग बॉस चल…
Read Moreशोध: ध्वनि तरंगों से कोरोना का उपचार
नई दिल्ली। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु, में शोधकर्ताओं की एक टीम श्वसन, खांसी और श्वसन तंत्र से उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगों के आधार पर कोरोना वायरस के निदान के लिए एक उपकरण पर काम कर रही है।इस उपकरण को मंजूरी मिलने के बाद इससे इस तरह से जांच की जा सकेगी जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों को कम खतरा होगा और मौजूदा जांच विधि की तुलना में जल्द परिणाम सामने आ सकते हैं। आठ सदस्यीय टीम का उद्देश्य ध्वनि-विज्ञान में बीमारी के ‘बायोमार्कर’ का पता लगाने और उसकी मात्रा निर्धारित करना…
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