फीचर डेस्क। बॉलीवुड एक्ट्रेस नोरा फतेही ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फैंस के लिए अपनी एक ताजा फोटो शेयर की है। फोटो में नोरा फतेही पूल के किनारे ब्लैक बिकिनी पहनकर बैठी नजर आ रही हैं। फोटो में नोरा फतेही अपने आईफोन पर कुछ करती नजर आ रही हैं। उन्होंने कानों में बड़े-बड़े इयर रिंग्स पहन रखे हैं और खुले बालों में वह बला की खूबसूरत लग रही हैं। एक्ट्रेस के बैकग्राउंड में स्विमिंग पूल और हरे-भरे पेड़ दिखाई पड़ रहे हैं। नोरा फतेही ने इन तस्वीरों को शेयर करते…
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उर्फी जावेद ने किया डांस: हुईं ट्रोल
फीचर डेस्क। इंटरनेट सेंसेशन बन चुकीं उर्फी जावेद ने एक बार फिर से तहलका मचा दिया है। वैसे तो उर्फी कुछ भी करें वह चर्चा में आ ही जाती हैं। इस बार उन्होंने बैकलेस होकर डांस किया है। वह ‘काचा बादाम’ गाने पर डांस कर रही हैं। यह एक बंगाली गाना है जो कि सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल है। तमाम यूजर्स इस पर डांस करते हुए रील्स शेयर कर रहे हैं। अब कुछ ट्रेंडिंग हो और उर्फी वह ना करें ऐसा कैसे हो सकता है। उन्होंने भी इस…
Read Moreग्रामीण विकास पर केंद्रित रहेगा आगामी बजट
प्रहलाद सबनानी। आज भी देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी ग्रामों में निवास करती हैं इसलिए अक्सर यह कहा जाता है कि भारत गांव में बसता है। यह कहना भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा कि भारत में ग्रामीण विकास का मुद्दा सीधे सीधे देश के विकास से जुड़ा है और भारत में ग्रामीण विकास सबसे अधिक महत्व रखता है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के आम बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से गांव, गरीब और किसानों पर फोकस किया गया था। इसमें किसानों की आय बढ़ाने, कृषि…
Read Moreमुझे नेगेटिव शेड के रोल पसंद हैं: फिरोज़ खुर्शीद खान
अनिल बेदाग़। जज़्बा क़ायम रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा। जमीं बंजर हुई तो क्या वहीं से जल भी निकलेगा। ना हो मायूस ना घबरा अंधेरों से मेरे साथी। इन्हीं रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा। यक़ीनन, बॉलीवुड के उन कलाकारों पर यह पंक्तियां फिट बैठती हैं, जो संघर्षों से हार नहीं मानते। दो दशक पहले मुंबई आये फिरोज़ के खान ने भी इसी मक़सद से बॉलीवुड में कदम रखा था और आज यहां अपनी पहचान क़ायम कर चुके हैं। दो दशक के लंबे सफर में कई…
Read Moreकृषि क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट से हैं बहुत उम्मीदें
प्रहलाद सबनानी। कोरोना महामारी के दौरान केवल कृषि क्षेत्र ही एक ऐसा क्षेत्र रहा था जिसने विकास दर हासिल की थी अन्यथा उद्योग एवं सेवा क्षेत्र ने तो ऋणात्मक वृद्धि दर हासिल की थी। देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी आज भी गावों में निवास कर रही है एवं इस समूह को रोजगार के अवसर मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र ही उपलब्ध करवाता है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि उत्पादन का हिस्सा 16 से 18 प्रतिशत के आसपास रहता है एवं अब यह धीमे धीमे बढ़ रहा…
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