डेस्क। भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अवधेश मिश्रा जल्द ही एक इमोशनल हॉरर फिल्म ‘अजनबी’ लेकर आ रहे हैं, जिसकी शूटिंग इन दिनों देव भूमि उत्तराखंड के चंबा में चल रही है. इसको लेकर फिल्म के लेखक और निर्देशक अवधेश मिश्रा ने कहा कि अभी हमने अपनी फिल्म अजनबी के गाने की शूटिंग की है, जो हमारी फिल्म का की-सॉंग है. इस गाने बाद ही ऐसी दुर्दांत घटना घटती है, जिसकी वजह से पूरी फिल्म है. उन्होंने कहा कि गाने का सार यह है कि आज 12 साल बाद एक…
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देश में झुंड प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होगा
प्रहलाद सबनानी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा देश में कोरोना महामारी के बचाव के लिए 24 घंटे सातों दिन टीका लगाये जाने की व्यवस्था कुछ ही समय में विकसित किए जाने की अनुशंसा की है ताकि टीका लगाए हुए लोगों के दायरे को बढ़ाते हुए देश की अर्थव्यवथा को पुन: तेजी से दौड़ाया जा सके। हाल ही में जारी किए गए अपने मासिक प्रतिवेदन में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बताया है कि देश में झुंड प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए 70 करोड़ युवाओं को टीके की कम से कम खुराक…
Read Moreलक्ष्य प्राप्ति का यत्न है योग: कुलपति प्रो. शुक्ल
वर्धा। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति का यत्न है योग। उन्होंने कहा कि मन, शरीर और आत्मा का एकाग्र होना आवश्यक है। देह से मन और आत्मा को साधा जा सकता है। योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कुलपति प्रो. शुक्ल ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान भी योग के महत्व को मान रहा है। भारत में योग का विकास विशिष्ट पद्धति से हुआ है। योग…
Read Moreशनिदेव का आलौकिक शक्तियों वाला मन्दिर
बागपत। बागपत के शुगर मिल परिसर में स्थित शनिदेव का मन्दिर शनि भक्तों के लिये आस्था का एक बड़ा केन्द्र है। जनपद बागपत, उत्तर प्रदेश के बागपत नगर राष्ट्रवंदना चौक से मेरठ रोड़ पर 1 किलोमीटर दूर स्थित यह मन्दिर आलौकिक शक्तियों से युक्त है। पीपल के वृक्ष के नीचे स्थित इस मन्दिर में पूजा करने से समस्त भगवानों, देवी-देवताओं की पूजा का पुण्यलाभ मिलता है। पीपल का वृक्ष हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। इसको भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। इसके हर अंग में देवी-देवताओं…
Read Moreराजा दाहिरसेन की अनुकरणीय देश भक्ति
प्रहलाद सबनानी। आज के बलोचिस्तान, ईरान, कराची और पूरे सिन्धु इलाके के राजा थे श्री दाहिरसेन जी।आपका जन्म 663 ईसवी में हुआ था और 20 जून 712 ईसवी को इस महान भारत भूमि की रक्षा करते हुए उन्होंने बलिदान दे दिया था। भारत माता को सही मायने में “सोने की चिडिय़ा” कहा जाता था। इस कारण के चलते भारत माता को लूटने और इसकी धरा पर कब्जा करने के उद्देश्य से पश्चिम के रेगिस्तानी इलाकों से आने वाले मजहबी हमलावरों का वार सबसे पहले सिन्ध की वीरभूमि को ही झेलना…
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