यूपी की सीट हारने के बाद: कमेंटो से भर गया है सोशल मीडिया

लखनऊ। यूपी में दो लोकसभा सीटें हारने के पीछे के कारण से भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भर दिया है। एक से एक रोचक टिप्पणियां है। सबसे ज्यादा पोस्ट कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है। इनमें कई विघ्नसंतोषी भी है। एक कार्यकर्ता ने फेसबुक पर उपचुनाव परिणाम पर टिप्पणी करते हुए लिखा है, ‘एक साल में पहली बार कार्यकर्ता जीता।’
दोनों सीटों पर हार के पीछे सपा को बसपा का समर्थन के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं का निष्क्रिय रहना भी है। पिछले साल मार्च में सरकार बनने के बाद से कार्यकर्ताओं से कहा गया कि वे न तो थाने जाएं और न तहसील। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि चुनाव कार्यकर्ताओं की बदौलत जीते जाते है। लेकिन कार्यकर्ताओं की कौन कहें, पार्टी के जिला व नगर अध्यक्षों तक को सिफारिशी पत्र लिखने की मनाही है। मुख्यमंत्री को सौंपे जाने वाले पत्र को जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से निपटाया जाता है। जिले के पदाधिकारियों को अधिकारियों के शिकायत करने का भी अधिकार नही है। जिसके चलते कार्यकर्ताओं ने चुनाव में रूचि नही ली।
इस बात को उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या अच्छी तरह से समझ रहें है। उन्होने ट्वीट किया है-हमारे पार्टी के मतों में बेतहाशा वृद्धि हुई इस बात को हर समय ध्यान में रखें जो लोग हमारे साथ आएं हैं, वह केवल वोट देने के लिए नहीं आए वह भी सम्मान चाहते हैं हमें मूल कार्यकर्ताओं के आदर सम्मान के साथ जिनके आने से भाजपा की ताकत में वृद्धि हुई है उनका का भी सम्मान करना है। एक वरिष्ठ संपादक ने फेसबुक पर लिखा है, ‘गजब नतीजा है भाई ! सपाई और बसपाई तो मिठाई खिला ही रहे हैं ,मुझे तो भाजपाई और कांग्रेसी भी मिठाई खिला गये।’
एक भाजपा कार्यकर्ता ने लिखा है कि इस हार को 2019 के चुनाव से अभी जोडक़र देखना जल्दबाजी होगी। क्योंकि 2 सीट और 70 सीट में अंतर हैं। अंतर को पाट पाना इतना आसान नहीं होगा। बीजेपी का तंत्र बहुत मजबूत हैं इसके लिए गठबंधन को आधुनिक चुनाव प्रबंधन करना पड़ेगा जो इतना आसान नहीं होगा। दूसरे कार्यकर्ता ने लिखा है कि, अच्छा हुआ, बेलगाम हो गए है सांसद विधायक फोन भी नही उठाते कोई काम भी नही करते।, एक अन्य कार्यकर्ता ने लिखा है कि यह चुनाव पब्लिक ने नही पुलिस प्रसासन की गलत प्रणाली ने हराया है पुलिस के द्वारा भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओ का उत्पीडऩ जो उन्हें जनता तक नही पहुचने दिया मैं स्वंय मंडल का महामंत्री हूं, और यह कहने में कोई गुरेज नही है कि पुलिस प्रशासन आज भी सपा के इशारे पे चल रही भाजपा कार्यकर्ताओं का अनावश्यक उत्पीडऩ हो रहा है पुलिस जहां भी मौका पा रही है छोटे छोटे कार्यकर्ताओं का उत्पीडऩ कर रही है।
केशव मौर्य ने ट्वीट कर कहा है कि दोनों लोकसभा सीटों पर कम मतदान पराजय का मुख्य कारण है. बीजेपी के प्रभाव वाले क्षेत्रो के मतदाता 50 प्रतिशत मत भी डालते तो भी हम बड़े अंतर से विजयी हो सकते थे लेकिन क्या कारण हैं कि यह विशेष ध्यान देने का विषय है।