शीतकालीन सत्र में पहले होगी असहिष्णुता पर चर्चा?

Parliament_Houseनई दिल्ली (आरएनएस)। संसद के शीत सत्र से पहले विपक्षी दलों ने आपसी समन्वय से दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों के पास कार्यस्थगन प्रस्ताव जमा कराने का प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनकी मांग है कि देश में बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा कराई जाए और संसद ऐसी घटनाओं की निंदा करते हुए इनके खिलाफ एकराय से प्रस्ताव पास करे। इनमें से कुछ पार्टियों की मांग है कि पीएम नरेंद्र मोदी सिर्फ चर्चा का उत्तर ही नहीं दें बल्कि संसद में उन मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई का भी ऐलान करें, जिन्होंने हाल में भड़काऊ बयान दिए थे। अभी तक कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, वाम दल और एनसीपी इससे जुड़े हैं। चूंकि सरकार ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के 125वें जन्मदिवस पर संविधान लागू होने के मौके पर जश्न मनाने के लिए शीत सत्र के शुरुआती दो दिनों में दो दिवसीय सत्र की लिस्टिंग कराई है। इसलिए ये पार्टियां नियमित सत्र के पहले दिन नोटिस के जवाब की मांग करने से पहले इस स्पेशल सत्र में हिस्सा लेंगी। लेकिन सूत्रों ने बताया कि इन पार्टियों ने दो दिन के विशेष सत्र के दौरान ही असहिष्णुता का मुद्दा उठाने की योजना बनाई है। पार्टियों का कहना है कि संविधान में मिले बुनियादी अधिकारों पर हमले हो रहे हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा है कि उनकी पार्टी के व्हिप के सी वेणुगोपाल ने लोकसभा सेक्रेटेरियट में पहले ही नोटिस भेज दिया है। जेडीयू के राज्यसभा सदस्य के सी त्यागी ने बताया है, रूल 267 के तहत जारी अपने नोटिस में मैंने सदन का समूचा सत्र स्थगित किए जाने और देश में बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर व्यापक चर्चा कराए जाने की मांग की है, जिनके चलते दादरी जैसी घटनाएं हुई हैं, लेखकों पर हमले हुए हैं और बुद्धिजीवियों की हत्या हुई है। त्यागी ने कहा, मामला राष्ट्रीय चिंता का विषय है। हम यह मांग भी करेंगे कि प्रधानमंत्री चर्चा का जवाब दें और निरंजन ज्योति, गिरिराज सिंह, महेश शर्मा, संजीव बालियान जैसे मंत्रियों को बर्खास्त करके गंभीरता का परिचय दें, जिन्होंने सांप्रदायिक सद्भावना बिगाडऩे वाले बयान दिए हैं।
सीपीएम लीडर सीताराम येचुरी पहले ही अपना नोटिस राज्यसभा के चेयरमैन के दफ्तर में जमा करा चुके हैं। उन्होंने अपने नोटिस में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ चर्चा कराए जाने और सदन में प्रस्ताव पास कराए जाने की मांग की है।
सीपीआई के डी राजा ने कहा है कि एक दो दिन में वे भी एक नोटिस डालने वाले हैं। एनसीपी के लीडर डी पी त्रिपाठी ने कहा, पार्टी भी असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने और सदन में एक प्रस्ताव पास कराने वाला नोटिस देने वाली है। संकेत इस बात के भी हैं कि आनेवाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी पार्टियां साथ आ सकती हैं।