कमिश्नर और डीएम को निर्देश: राजस्व वसूली में किसानों न हो उत्पीडऩ

alok ranjanलखनऊ। यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये मुख्य देयकों की वसूली आगामी आदेशों तक स्थगित रखते हुये किसी प्रकार उत्पीडऩ की कार्यवाही किसानों के साथ न की जाये। उन्होंने कहा कि बीमित लगभग 15 लाख किसानों को क्राप इंश्योरेंस की धनराशि का भुगतान यथाशीघ्र कराया जाये। उन्होंने कहा कि पशुओं के उपयोगार्थ चारे एवं पानी की कमी कतई नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि संभावित सूखाग्रस्त जनपदों एवं बुन्देलखण्ड के जनपदों में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत चयनित लाभार्थियों के अतिरिक्त भी पात्र लाभार्थियों को चयनित कर पेंशन योजना से लाभान्वित कराया जाये। उन्होंने कहा कि कल वह सीधे वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों तथा कृषि विभाग के अधिकारियों से सम्बन्धित जनपदों में संभावित सूखे के बारे में तथा किसानों को दी जा रही सहायता की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश देंगे।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश में संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन एवं जल निगम के अधिकारी तत्काल फील्ड में जाकर यह सुनिश्चित करें कि उनके विभाग द्वारा किसानों को दी जाने वाली सुविधायें यथाशीघ्र अनुमन्य हों। उन्होंने कहा कि खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत एवं आवश्यकतानुसार पम्पों को रिबोर कराने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाये कि प्रदेश के किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाये।
श्री रंजन ने कहा कि कृषि, पशुपालन, जल निगम, खाद्य एवं रसद सहित अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने अधीनस्थ विभागीय अधिकारियों से प्रतिदिन आख्या प्राप्त कर यह सुनिश्चित करायें कि प्रदेश के किसी भी जनपद में कोई भी किसान लाभान्वित होने से छूटने न पाये। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को फील्ड में जाकर अपने विभागों के कार्यों की प्रगति की स्थलीय जानकारी प्राप्त करनी होगी। उन्होंने कहा कि संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाने हेतु भी आवश्यक कार्यवाही अभी से सुनिश्चित करा ली जाये, ताकि उनकी फसल का उचित दाम उन्हें अवश्य प्राप्त हो सके।