शिव और शांति और ये 16 ब्राजीलियन

kasi brazilसौरभ पांडे, वाराणसी। योग में कितनी ताकत है, ये बात पूरी दुनिया देख चुकी है। तनाव दूर करने का सबसे अच्छा साधन योग ही है। इससे न सिर्फ मानसिक शांति मिलती हैए बल्कि जीवन भी सही दिशा में आगे बढ़ता है। यही वजह है कि शांति की तलाश में कई विदेशी हर साल आध्यात्मिक नगरी काशी आ रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले आठ साल से 16 सदस्यों की एक ब्राजीलियन टीम बाबा की नगरी में आ रही है। ये टीम पिछले कुछ दिन पहले फिर से काशी पहुंची है। यहां वो वाग्योग चेतनापीठम शिवाला पर शिव और शांति की खोज में लगे हुए हैं। संस्कृत, तंत्र और आध्यात्म के प्रकांड विद्वान डॉ. वागीश शास्त्री को इन्होंने अपना गुरु बनाया है। शास्त्री जी भी इन ब्राजीलियनों को घंटों बैठकर शिव से जुड़े रहस्यों के बारे में बता रहे हैं।
डा. वागीश शास्त्री ने बताया कि पिछले आठ साल ये ब्राजीलियन उनके यहां शिव की अराधना, मंत्रों.जाप और शांति की तलाश में आ रहे है। ये सब प्रकृति, संस्कृति, आध्यात्म, रहस्य, ब्रह्मांड परिकल्पना के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं। वो उन्हें चित्रों के जरिए समझाते हैं कि आखिर कैसे ध्यान और योग से शिव को खुद में उतारा जा सकता है। साथ ही वो बताते हैं कि कैसे मंत्रों के जाप से मन को काबू में किया जाता है। इस टीम में कोई जज तो कोई बड़ा बिजनेसमैन है। एजोडा ने बताया कि ध्यान की मुद्रा में बैठकर वो काशी की संस्कृति, सभ्यता और शांति को समझ रही हैं। भक्ति के महासागर में गोते लगाने का अहसास ही कुछ और होता है। टीम के सभी लोगों को मन की शांति की खोज ही यहां खींचकर ले आई है। वहींए प्लामा का कहना है कि दुनिया में सब इंसान एक जैसे हैं। सभी इस धरती मां के पुत्र हैं। भगवान शिव के अंदर पूरा ब्रह्माण्ड समाया हुआ है। जिसने शिव को समझ लियाए सिर्फ वही इस धरती के हर रहस्य को समझ सकता है। ये समझने के लिए काशी से अच्छी जगह दूसरी कोई नहीं हो सकती। यहां वो आश्रम की व्यवस्था भी कर रहे हैं, क्योंकि उनका सपना पूरी दुनिया को इससे रुबरु कराने का है। वो यहां से जो सीखकर जाती है, उसे वहां के लोगों को भी सिखाती हैं। उन्होंनें अपनी संस्था का नाम पंचममा रखा है।
वाग्योग चेतनापीठम के सचिव आशपति शास्त्री ने बताया शिव को जानने की विदेशी पर्यटकों में काफी जिज्ञासा है। उन्हें जानना है कि आखिर काशी को ही शिव की नगरी क्यों कहा जाता है। भारतीय संस्कृति के गुर सीखने के बाद अब ये इस विद्या को अपने देश में पहुंचाने का काम कर रहे हैं। उन्हें अब ये मालूम हो गया है कि शिव की अराधना में ही असली शांति छिपी है। ये लोग अपने गुरु वागीश शास्त्री से मन पर काबू करने का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।