यूपीपीसीएस अध्यक्ष को लेकर संशय में है यूपी सरकार

uppsc

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपीपीसीएस के अध्यक्ष की नियुक्ति हाईकोर्ट के अवैध ठहराए जाने के दो हफ्ते बाद भी राज्य सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। यूपी सरकार न तो विशेष अनुमित के लिए याचिका दायर करने सुप्रीम कोर्ट जा रही है और न ही अनिल यादव को अध्यक्ष पद से हटा रही है। इसी बीच लोक सेवा आयोग के नए सचिव ने पदभार ग्रहण करते ही कार्यशैली में परिवर्तन के संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस वक्त आयोग के खिलाफ तीन हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
लोक सेवा आयोग के सचिव सुरेश कुमार सिंह ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि आयोग में सूचनाओं पर जो भी प्रतिबंध लगाया गया हैए उसे हटाया जाएगा। आरटीआई के तहत या किसी भी प्रकार से मांगी गई जानकारी जल्द से जल्द दी जाएगी। साथ ही प्रतियोगी छात्रों को हर संभव सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं सचिव सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि आयोग द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं को सही ढंग से कराने की कोशिश की जाएगी। परीक्षा प्रणाली को और भी पारदर्शी बनाया जाएगा। सुरेश कुमार ने कहा कि आज सूचना क्रांति का दौर है। कोई भी जानकारी किसी से छिपाई नहीं जा की है। ऐसे में अब आयोग की वेबसाइट पर सभी सूचनाएं मिलेंगी। एग्जाम रिजल्ट में कट ऑफ लिस्ट भी जारी की जाएगीए ताकि पता चल सके कि किस परीक्षार्थी ने टॉप किया है।
आयोग के खिलाफ 3116 केस दर्ज : आयोग के सचिव ने बताया कि इस वक्त लोक सेवा आयोग के खिलाफ 3,116 केस चल रहे हैं। इनमें से अधिकतर मुकदमे अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में दर्ज हुए हैं। इतनी बड़ी संख्या में केस दर्ज होने के बाद आयोग पर मुकदमों की पैरवी का खर्च बढ़ा है। वहीं करीब 500 केस ऐसे हैं , जिनमें विवादित प्रकरण गंभीर नहीं है। ऐसे में इनमें सिर्फ कोर्ट में जवाब दाखिल करना है। इस संबंध में चार नवंबर को मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें केस की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा कर्मचारियों से संबंधित केसों का जल्द ही निस्तारण किया जाएगा।