कट्टरपंथियों को तुष्ट करने की नीति इस सरकार को भारी पड़ेगी: महंत कमल नयन

ayodhya 2 novअयोध्या। अयोध्या के संत-धर्माचार्यो ने 30 अक्टूबर व 2 नवम्बर 1990 को गोलियों से मारे गए कारसेवकों की स्मृति में पुश्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि प्रदान की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मार्गदर्शक मण्डल के सदस्य मणिरामदास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास महाराज ने कहा हिन्दुओं का दमन कर कट्टरपंथियों को तुष्ट करने की नीति इस सरकार को भारी पड़ेगी। उन्होंने कहा मंदिर आन्दोलन में शहीद हुए कारसेवक हिन्दू समाज की प्रेरणा के पुंज हैं। 1990 की घटना परिन्दा पर नहीं मार सकता का उद्घोश करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की क्रूरता का परिणाम रहा ढांचा का विध्वंस।
बजरंग दल के राश्ट्रीय संयोजक राजेष पाण्डेय ने कहा जिस प्रकार आजादी के पश्चात गृहमंत्री सरदार बल्भव भाई पटेल ने यह संकल्प लिया था कि भारत के अंदर अब कोई गुलामी का प्रतीक चिन्ह नहीं रहना चाहिए तो उन्होंने सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्वार करके इस काम को प्रारम्भ किया था, उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने पूज्य संतों के नेतृत्व में जन्मभूमि पर बने हुए कलंक के ढांचे को समाप्त करके स्वतंत्र राष्ट्र की परिकल्पना को साकार किया था। दिगम्बर अखाड़ा में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम के पश्चात कारसेवक पुरम में होने वाले हुतात्मा नमामि कार्यक्रम पर लगाये गए प्रशासनिक रोक के विरोध में रेजिडेन्ट मजिस्ट्रेट के.एस.वर्मा को बजरंग दल ने ज्ञापन सौंप कर विरोध दर्ज कराया। पाण्डेय ने बताया कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के जिला केन्द्रों पर कारसेवकपुरम में हुए घटना के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।