राज्य तैयार करें ब्लूप्रिंट: कैसे मिले 24 घंटे बिजली

electric bulbनई दिल्ली। केरल के कोच्चि के बोलगट्टी में 6-7 अक्टूबर को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय कोयला, ऊर्जा, नवीन एवं अक्षय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल करेंगे। सम्मलेन में इस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संसद के शीतकालीन सत्र से पहले हो रही है, जिसमें विद्युत अधिनियम के प्रस्तावित संशोधन लाए जाएंगे। कोच्चि में दो दिन तक चलने वाले ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में विद्युत उत्पादन, वितरण और पारेषण, कोयला उत्पादन एवं आपूर्ति, नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए संबंधित क्षेत्र में सुधार के मुद्दों पर अलग चर्चा होगी।
विचार-विमर्श के दो दिन के एजेंडे में सभी को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्यों के विशिष्ट दस्तावेजों की तैयारी व कार्यान्वयन, बिजली से महरूम गांवों का मिशन मोड में विद्युतीकरण, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) का तेजी से कार्यान्वयन, एकीकृत बिजली विकास योजना का क्रियान्वयन, एटी एंड सी नुकसान में कमी के लिए रणनीति, स्मार्ट ग्रिड, डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति, एडवांस संचरण योजना, पारेषण योजनाओं के राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू), हरित ऊर्जा कॉरिडोर एक व दो शामिल हैं। थर्मल क्षेत्र में, थर्मल परियोजनाओं की खातिर राज्य सरकारों के समर्थन के लिए चर्चा की जाएगी। इनमें भूमि अधिग्रहण, सौहार्दपूर्ण कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, कोयला से अदला-बदली-पद्धति और लाभ, कोल लिंकेज नीति और कोयले की तीसरे पक्ष की सैंपलिंग शामिल हैं। सम्मेलन में इस समय चल रही 36 जल विद्युत परियोजनाओं के पूरा करने में तेजी लाने, ग्यारह फंसी हुई या ठप परियोजनाओं के मुद्दों को हल करने, पारदर्शी एवं प्रगतिशील पनबिजली नीति तथा पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन नीति तैयार करने पर भी चर्चा होगी। ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में, घरेलू कुशल प्रकाश कार्यक्रम (डेल्प) और राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम (एसएलएनपी) के कार्यान्वयन की प्रगति पर समीक्षा की जाएगी। चर्चा के अन्य विषयों में ऊर्जा बचाने वाले कृषि पंप सेट का इस्तेमाल, मांग पक्ष प्रबंधन के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों में उपकरणों एवं ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना शामिल होगा। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आरपीओ लगाने के काम में हुई प्रगति की राज्यवार समीक्षा, साल 2022 तक 1,75,000 मेगावाट के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निकासी और पारेषण बुनियादी ढांचा व अब तक की उपलब्धि, सौर पार्कों की प्रगति, सौर पंप और नहरों से जुड़ी परियोजना तथा राज्यों को बैंकों की मंजूरी शामिल है।
सम्मेलन के दौरान राज्य बिजली बोर्डोँ की बकाया राशि, ऊर्जा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और कोल इंडिया लिमिटेड को डिस्कॉम के विषय पर भी चर्चा होगी। इस सम्मेलन में राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा एवं खनन मंत्रियों के अलावा ऊर्जा, कोयला, नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव और ऊर्जा क्षेत्र में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं डिस्कॉम के प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे।