उप्र में बाढ़ व बारिश से 27 मौतों के बाद, कांग्रेस ने मांगा 10 साल में खर्च पैसों पर श्वेत पत्र

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लखनऊ। उप्र कंाग्रेस ने राज्य में दस वर्षो के दौरान बाढ़ की रोकथाम के लिए किये गए प्रयासों पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है। प्रदेश प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार 10 वर्षों में बाढ़ नियंत्रण की स्थिति और रोकथाम पर हुए खर्च पर श्वेत पत्र जारी करें। जनता को बताए की 10 साल में बाढ़ रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार को कितना पैसा भेजा और उसका कहां उपयोग हुआ।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले चार दिन की बारिश में उत्तर भारत में 38 लोगों की जानें गयीं जिसमें सर्वाधिक 27 मौतें उप्र में हुई हैं। शहरों में जल निकासी व्यवस्था इतनी खराब है कि प्रदेश के हर शहर की सडक़ें इस एक ही बारिश में उफना गयी और चलने योग्य नहीं रह गयी हैं, जबकि शहरों में सरकार द्वारा नाला सफाई एवं अन्य मदों में कितनी ही धनराशि व्यय की जाती है। प्रवक्ता ने कहा कि नदियों की सफाई एवं नहरों की सिल्ट सफाई के नाम पर उप्र में हजारों करोड़ रूपये खर्च किये गये किन्तु नदियों की कौन कहे, नहरों में सिल्ट की सफाई सिर्फ कागजों पर ही होकर रह गयी है।
अग्रवाल ने कहा कि पिछले दो दशकों से हर वर्ष पूर्वांचल बाढ़ का शिकार होता रहा और वहां की फसलें चैपट हुईं। किसान तबाह हुआ और अनेकों लोग बेघर हुए। राज्य सरकारों ने लगातार यह घोषणा की कि बाढ़ नियंत्रण को इस तरह किया जायेगा कि भविष्य में इस तरह की दुघर्टनाएं न हों किन्तु सारा मामला जस का तस है और एक ही बारिश में सरकार के दावों की पोल खुल गयी। इस बारिश से कितने लोग बेघर हो गये और कितने लोग पलायन कर गये। दैवीय आपदा बताकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रही है।