श्रमजीवी एक्स.ब्लास्ट: आतंकी को मिली फांसी

shrm jiviसंवाददाता, जौनपुर । लखनऊ-वाराणसी रेल खंड पर श्रमजीवी एक्सप्रेस में 28 जुलाई 2005 को हुए आतंकी विस्फोट में बांग्लादेशी मोहम्मद आलमगीर उर्फ रोनी को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव ने फांसी की सजा सुनाई। इस मामले में शुक्रवार को अदालत ने रोनी को दोषी करार दिया था। इसी मामले के दूसरे आरोपी ओबैदुर्रहमान पर फैसला दो अगस्त को होगा।
इससे पूर्व दोनों आरोपियों को शुक्रवार की दोपहर 12 बजे अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव की अदालत में पेश किया गया था जहां आलमगीर उर्फ रोनी को दोषी ठहराते हुए दोष सिद्ध करने का आधार बताया। रोनी पर हत्या, हत्या के प्रयास, षड्यंत्र, गंभीर चोट पहुंचाने, फारेनर्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व रेलवे अधिनियम का मामला दर्ज है। यह वारदात लखनऊ-वाराणसी रेल प्रखंड पर हरिहरपुर रेलवे क्रासिंग के पास हुई थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी, तथा 60 घायल हो गए थे। घटना की प्राथमिकी ट्रेन के गार्ड जफर अली ने जीआरपी थाना में दर्ज कराया था।
मुख्य अभियुक्त रोनी के मामले में 53 तथा ओबैदुर्रहमान के मामले में 46 गवाह परीक्षित हुए थे। विवेचना के दौरान ही यह बात सामने आई थी कि आरोपी रोनी को जीआरपी वाराणसी के दो सिपाही सुरेश और श्यामजी ने विस्फोट वाले दिन वाराणसी जंक्शन के प्लेटफार्म नं.9 पर विस्फोट वाले डिब्बे में घबराहट की दशा में झांकते हुए देखा था। उन दोनों ने इसकी कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिनाख्त भी किया था।