हेल्थ डेस्क। बदलता खान-पान और लाइफस्टाइल लोगों को बीमारियों की चपेट में ला रहा है। इनमें से एक डायबिटीज़ की समस्या है। आप देखेंगे कि हर घर-परिवार में कम से कम एक सदस्य इससे जूझ रहा है। जहां कुछ लोग अनुवांशिक रूप से इसका शिकार हैं, वहीं बहुत से लोग बाहर के खाने और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण इसकी चपेट में आ गए हैं। डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन अपनी आदतों और लाइफ स्टाइल में बदलाव लाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
फास्ट है डायबिटीज़ का कारण
बड़ों से लेकर बच्चे तक इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। घर का खाना छोड़ बाहर के खाने की ओर आकर्षित होना इसका सबसे बड़ा कारण है। किंग साइज बर्गर और फ्रेंच फ्राइ जैसे फास्ट फूड, चाइनीज़ आदि खाने से सिर्फ पेट के आसपास चर्बी ही नहीं बढ़ती, बल्कि डायबिटीज़ का खतरा भी बढ़ जाता है। एक शोध में यह चेतावनी दी गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग अकसर बाहर का खाना खाते हैं, खासतौर से फास्ट फूड, उनमें टाईप 2 डायबिटीज़ विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
हॉवर्ड टी. एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के की सून का कहना है कि चिंता की बात यह है कि बाहर का खाना खाने पर ऊर्जा तो भरपूर मिलती है, लेकिन पोषण नहीं मिलता है, जिससे वजन बढ़ जाता है। धीरे-धीरे इसका नतीजा यह होता है कि टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना बढऩे लगती है।
इस शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि जो लोग सप्ताह में पांच से सात बार घर का बना रात का खाना खाते हैं, उनमें सप्ताह में दो या उससे कम बार खाना खानेवालों के मुकाबले टाइप 2 मधुमेह का खतरा 15 फीसदी कम होता है।
शोधकर्ताओं ने मधुमेह से बचने के लिए व्यवहार में बदलाव, खानपान सुधारने और व्यायाम करने की सलाह दी है। लेकिन इस शोध के बाद अब इसमें घर का बना खाना खाने की सलाह भी जुड़ गया है। ताकि डायबिटीज़ को पनपने से रोका जा सके।