लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी तो गरीबों व किसानों के एक लाख रुपये तक के कर्ज माफ किये जाएंगे। चुनाव घोषणा पत्र न जारी करने वाली बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को संकल्प पत्र जारी कर अपनी प्राथमिकताएं गिनाई हैं। इनमें प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को अंडे व केक बांटने सहित सभी वर्गों से जुड़ाव के वादे किये गए हैं।
बसपा चुनाव में घोषणा पत्र नहीं जारी करती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान शुरू होने के बाद सभी राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र आ चुके हैं, किन्तु बसपा के चुनावी वादों की प्रतीक्षा हो रही थी। इसके लिए मायावती ने प्रदेश में बसपा की सरकार बनने पर प्राथमिकताओं को इंगित करते हुए संकल्प पत्र जारी किया है। इसमें बेरोजगारों, युवाओं, किसानों और व्यापारियों के साथ महिलाओं व बच्चों सहित समाज के सभी वर्गों की चिंता करने की बात कही गयी है। यही नहीं, पुलिस कर्मियों की लंबे समय से लंबित अवकाश नकदीकरण बहाल करने की मांग पूरी करने का वादा भी किया गया है।
बसपा ने अपने संकल्प पत्र में व्य़ापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए अलग से आयोग बनाने की बात कही है। व्यापारी समाज लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था। इस समय व्यापारी मूल रूप से भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा संख्या में जुड़े होने की बात कही जाती है। कुछ व्यापारी संगठन समाजवादी पार्टी से भी जुड़े हैं। ऐसे में मायावती के इस कदम को व्यापारियों को बसपा की ओर आकर्षित करने के प्रयास के रूप में माना जा रहा है।
संकल्प पत्र में बसपा ने समाजवादी पार्टी पर सीधा निशाना साधा है।सपा के गुंडों को जेल भेजने की बात लिखने के साथ जेलों में बंद बेसहारा लोगों को रिहा करने की बात भी संकल्प पत्र में कही गयी है। इसके अलावा समा सरकार के बड़े आर्थिक फैसलों की जांच कराने का वादा किया गया है। इस दौरान हुई भर्तियों को लेकर उठ रहे विवादों के मद्देनजर सभी सरकारी भर्तियों की जांच कराने की बात भी संकल्प पत्र में कही गयी है।