जीएसटी लोकसभा में पेश: बहस जारी

Parliament_Houseनई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स से संबंधित चार सहायक बिल पेश किए। ये चार बिल सी-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी और मुआवजा कानून हैं। सभी बिलों पर बहस जारी है। इस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में एक समान टैक्स प्रणाली होगी। जेटली ने कहा कि अधिकारों का दुरुपयोग ना हो यह ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। वित्त मंत्री ने कहा कि लग्जरी सामानों पर टैक्स में से 28 फीसदी के बाद के हिस्से का इस्तेमाल राज्यों का घाटा कम करने के लिए किया जाएगा।
वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि यूपीए सरकार जीएसटी लागू करना चाहती थी। देर होने से देश को 10 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। वीरप्पा मोइली ने केंद्र सरकार पर राज्यसभा को कमोजर करने का आरोप लगाया और सभी सदस्यों से इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने कहा ऊपरी सदन राज्यों की परिषद है, फिर भी महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा करने का कोई अधिकार नहीं है। यह संघीय ढांचे पर हमला है। मैं कहता हूं कि राज्यसभा के सभी सदस्यों को इस्तीफा देना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि आम सहमति और सिफारिशों पर आधारित एक प्रक्रिया बनाने के लिए जीएसटी की 12 बैठकें की गईं। सूत्रों के अनुसार, सरकार चाहती है कि जीएसटी से संबंधित विधेयक लोकसभा में 29 मार्च या अधिक से अधिक 30 मार्च तक पास हो जाएं. इसके बाद इन विधेयकों को राज्यसभा में रखा जायेगा। सरकार का इरादा जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने का है. जीएसटी लागू होने के बार उत्पाद, सेवा कर, वैट और अन्य स्थानीय शुल्क इसमें समाहित हो जायेंगे।