लालू की रैली : ताकत का एहसास करायेगी आरजेडी

 

पटना। भाजपा भगाओ, देश बचाओ रैली के बहाने राजद रविवार को अपनी ताकत का अहसास कराएगा। न सिर्फ भीड़ के मामले में, बल्कि देश के गैर भाजपा दलों में अपनी पैठ के मामले में भी। इसी के साथ पार्टी का प्रयास है कि तेजस्वी का राजद और लालू के राजद से कुछ अलग दिखे। लिहाजा इस बार पटना में लोगों का जुटान शनिवार को ही शुरू हो जाने के बावजूद सबकुछ शांति पूर्वक रहा। न कहीं ढोल नगाड़े बजे और न ही मनोरंजन के लिए फूहड़ संगीत की व्यवस्था थी। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने रैली की घोषणा तब की थी जब महागठबंधन में जदयू शामिल था। नीतीश कुमार के साथ राज्य में राजद की सरकार थी। उसी समय यह तय हो गया था कि इसी रैली से भाजपा का विकल्प तलाशने की राह निकलेगी। लेकिन नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी रैली में भाग नहीं ले रहे हैं। कांग्रेस के दो दूसरे बड़े नेता भाग लेने के लिए पटना आ भी रहे हैं, लेकिन बीएसपा ने पूरी तरह कन्नी कटा ली है। बावजूद देशभर के दो दर्जन से अधिक बड़े नेताओं का जुटान पटना में शायद पहली बार होगी। रैली की पूरी तैयारी में शुरू से प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव जुटे हैं। राज्यभर में सभाकर लोगों को पटना आने का न्योता भी उन्होंने ही दिया है। हालांकि बड़े नेताओं को न्योता राजद प्रमुख ने दिया है। ऐसे में भीड़ का आकलन तेजस्वी यादव के जनाधार का भी संकेत देगा। उधर, पार्टी ने नेताओं की संख्या को देखते हुए गांधी मैदान में दो बड़े मंच की व्यवस्था की है। बाहर से आने वाले लोग अधिकतर विधायकों को आवास पर ठहराया गया है। इसके लिए वहां पंडाल बनाये गये हैं। इसके अलावा राजधानी के कई सामुदायिक भवनों को आरक्षित कराया गया है। वेटनरी कॉलेज मैदान, गर्दनीबाग स्टेडियम, गेट पब्लिक लाइब्रेरी सहित कई परिसरों में ठहरने की व्यवस्था की गई है। किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए पटना जंक्शन, पाटलिपुत्र जंक्शन एवं राजेन्द्र नगर टर्मिनल के साथ ही पटना हवाई अड्डा और मीठापुर बस स्टैंड पर स्वागत कक्ष बनाया गया है।
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