हेल्पलेस हो चुकी है यूपी की 1090 हेल्पलाइन

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योगेश श्रीवास्तव/अमृतांशु मिश्र
लखनऊ। सरकारी दावों के बावजूद उत्तर प्रदेश में महिला उत्पीडऩ की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। महिला उत्पीडऩ रोकने की गरज से बनाई गई 1090 की हेल्पलाइन भी अब हेल्पलेस हो चुकी है। उसके द्वारा जारी किए जाने वाले गुडवर्क के सारे आंक ड़े बाराबंकी और हमीरपुर की घटनाएं झुठला देती है। प्रदेश में सत्तारूढ़ होने के बाद से अब तक मुजफ्फरनगर से लेकर बदायूं और अब हमीरपुर में हुई ङ्क्षहसा की पृष्ठïभूमि महिला उत्पीडऩ की घटनाएं ही रही है।
समाजवादी पार्टी सरकार में प्रतिदिन चार सौ महिलाएं उत्पीडऩ की शिकार होती है। यह किसी राजनीतिक दल का आरोप नहीं बल्कि महिला हेल्पलाइन 1090 के काम कर रहे लोग ही इस आशय की पुष्टिï करते है। महिला उत्पीडऩ की घटनाओं को प्राय: एक वर्ग विशेष द्वारा ही अंजाम दिया जा रहा है। सवेंदनहीनता की पराकाष्ठïा देखिए सरकार महिला उत्पीडऩ की घटनाओं के प्रति कितनी संजीदा है कि बाराबंकी में एक पत्रकार की मां को पुलिस ने जिंदा जला दिया। और इंसाफ के लिए पीडि़त परिवार को धरने प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ रहा है। इसी प्रकार अमनमणि की पत्नी सारा की मौत की जांच के लिए उसकी मां सीमा सिंह से पुलिस वहीं सवाल पूछ रही है जिनका जवाब स्वयं सीमा सिंह ढूंढ रही है। बदायूं की घटना के बाद महिला उत्पीडऩ की घटनाओं और उससे जुड़ी खबरों पर सरकार ने यह कहना शुरू कर दिया कि आत्महत्या या इसी तरह की अन्य घटनाओं को मीडिया कानून व्यवस्था से जोड़कर सरकार को बदनाम करती है। सरकार की इस बेबाकी का ही नतीजा है कि इस तरह की घटनाओं में एकाएक इजाफा हुआ और राजधानी से लेकर प्रदेश के सुदूर अंचलों तक महिला उत्पीडऩ की घटनाएं दिनचर्या का हिस्सा बन गई है। यूपी पुलिस की 1090 सेवा के आकड़ों के अनुसार प्रदेश में प्रतिदिन 400 से ज्यादा महिलाएं शोहदो का शिकार होती है। अखिलेश सरकार में मुज्जफ्फरनगर दंगा हो या हमीरपुर का बवाल, हर जगह लड़कियों को छेडऩे से शुरू हुऐ मामले में सत्ता प्रतिष्ठा से जुड़े लोगो के प्रभाव में पुलिस की लापरवाही से भयानक परिणाम निकला ।
बरेली में 400 से ज्यादा लड़कियो इसलिए स्कूल जाना बन्द कर दी कि जिस रास्ते से वे नदी पार कर के पढऩे जाती थी उसी नदी में एक वर्ग विशेष के लड़के उन्हे छेड़ते थें, कुछ लड़कियों ने आपत्ति की और पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की।
हद तो तब हो गयी जब इस प्रकार के गंभीर मामले में एसपी बरेली धर्मबीर यादव ने कहा कि बचपन में वो भी नंगे नहाते थे। बेशर्मी की हद तब पार कर गई जब राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त, राज्य महिला आयोग की नेता सुमन यादव ने लड़कियों से कहा कि इस मामले को ज्यादा तूल न दें वर्ना उनकी ही बेज्जती होगी। हैरानी इस बात की है कि हमारी बेटी उसका कल सवांरने वाली सरकार महिला आयोग के इस सदस्य के ऊपर अब तक कोई कार्रवाई नही की। राजधानी लखनऊ में शोहदों से तंग आकर छात्रा ने स्कूल जाना बन्द कर दिया। इस संदर्भ में महिलाओं के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थापित पुलिस कट्रोल रूम 1090 के प्रभारी कुवर राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि 15 नवम्बर 2012 से 15 जुलाई 2015 तक 1090 पर 377810 मामले दर्ज किये गये है जिनमें मात्र 410 लोगों को जेल भेजा गया। इस आंकड़े से स्पष्टï है कि प्रतिदन 400 से ज्यादा महिलाएं प्रदेश में शोहदों का शिकार होती है और कार्यवाही दशमलव शून्य- शून्य एक प्रतिशत होती है।