अस्पताल में वेंटिलेटर्स नदारद: मर गये 241 मासूम

 

नाशिक। महाराष्ट्र के नाशिक के जिला अस्पताल में पिछले 6 महीने में वेंटिलेटर की कमी के चलते 241 बच्चों की मौत की खबर है। इसमें सबसे ज्यादा अगस्त के महीने में 55 नवजातों की जान जाने की बात सामने आई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ये मौतें वेंटिलेटर की कमी के चलते नहीं बल्कि इसके पीछे दूसरी कई वजहें हैं।जैसे प्रीटर्म डिलिवरी और कम वजन के बच्चों के जन्म लेने से उनकी मौत की आशंका रहती है। इतने बच्चों की मौत के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने सिविल सर्जन सुदेश जगदले को बुलाकर इसकी जानकारी ली और अस्पताल में चिकित्सा की कमियों के बारे में पूछा। अस्पताल के डॉक्टर डॉ जे. एम. होले ने बताया कि अगस्त में अस्पताल में 55 बच्चों की जान गई। उन्होंने बताया कि इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि अस्पताल में वेंटिलेटर्स नहीं हैं।
जिला अस्पताल में 18 इन्क्यूबेटर्स हैं जबकि दिनभर में लगभग 50 ऐसे बच्चों के केस आते हैं। अस्पताल को एक ही इन्क्यूबेटर में 2 या तीन बच्चों को रखना पड़ता है। डॉक्टर जगदले ने स्वीकार किया कि अस्पताल में कम इन्क्यूबेटर होने की वजह से मौतें होती हैं। उन्होंने कहा, इसके अलावा भी बच्चों की मौत की कई वजहे हैं। जैसे कम वजन के बच्चों को बचाना मुश्किल होता है। कई केस पहले से सीरियस होते हैं जिनमें मुश्किल का सामना करना पड़ता है। अगस्त में मरने वाले 55 बच्चों में 2 का वजन मात्र आधा किलो था, 18 का 1 किलो और 29 1.5 किलो से कम थे। ऐसे बच्चों को बचाना चुनौती है।