महिलाओं को हर क्षेत्र में मिले समानता: मेघवाल

बीकानेर। राजस्थान के संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि बालिकाओं को उच्च शिक्षित किया जाए, जिससे वे जीवन में आगे बढ़ सकें।
मेघवाल आज यहां ‘महिला सशक्तिकरण: चुनौतियां एवं संभावनाएं’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार दिया जाए तथा लिंग अनुपात में असमानता दूर की जाए।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए अनेक कार्यक्रम सफलतापूर्वक क्रियान्वित किए जा रहे हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं।
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला की अध्यक्ष प्रो. चन्द्रकला पडिया ने कहा कि नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभी एक लंबा मार्ग तय करना है और इसमें आ रही बाधाओं को सम्मिलित प्रयासों से दूर किया जाए। महिलाओं को उनके योगदान और उपलब्धियों का श्रेय दिया जाए। महिलाएं अपनी शक्ति पहचानें। पूरे विश्व में स्वास्थ्य, साक्षरता आदि क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति असंतोषजनक है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी जोधपुर डिस्कॉम की एमडी आरती डोगरा ने कहा कि अब महिलाएं सशक्त हो रही हैं, वे किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं। जरूरत इस बात की है कि महिलाओं के प्रति समाज की सोच बदली जाए।
उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना महिलाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण कदम है। वे विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए जीवन पथ पर अग्रसर हों। अभिभावक अपने बेटे-बेटी में भेद न करते हुए, बेटी को जीवन में आगे बढऩे का मौका दें।
बीएसएफ की असिस्टेंट कमान्डेंट तनुश्री पारीक ने कहा कि महिलाएं आत्मविश्वास रखें तभी वे सभी बाधाओं को पार कर सकती हैं। उन्होंने कैमल एक्सपीडिशन के अनुभव बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से दूरदराज के गांवों में भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जा रहा है।