राजनाथ उवाच: सम्बंध बेहतरी के लिए पाक रूचि नहीं

 

जम्मू। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने में पाकिस्तान रूचि नहीं दिखा रहा है। उन्होंने जम्मू कश्मीर में पड़ोसी देश द्वारा नियमित रूप से संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का जिक्र करते हुए यह कहा।
गृहमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पाकिस्तान नियमित रूप से संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है और इस वजह से मुझे लगता है कि भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने में पाकिस्तान रूचि नहीं दिखा रहा है। ’’ सिंह नौ सितंबर से राज्य के चार दिन के दौरे पर हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी थल सेना और बीएसएफ के सैनिक मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। हम ऐसी परिस्थितियां बनाएंगे कि उन्हें (पाकिस्तान) आज नहीं तो कल संघर्ष विराम उल्लंघन रोकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।’’ गृहमंत्री ने जम्मू की यात्रा शुरू करने से पहले सुरक्षा समीक्षा बैठकें करने के अलावा श्रीनगर में विभिन्न तबकों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। जम्मू में भी वह अपनी बातचीत जारी रखेंगे।बीएसएफ द्वारा नये उपकरणों के बारे में सिंह को जानकारी दी गई।मंत्री ने कहा, ‘‘2014 से, पाकिस्तान ने हर साल 400 से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान को इसे रोकना होगा।’’ सिंह के साथ केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और राज्य के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह भी थे।

गृहमंत्री नियंत्रण रेखा पर रहने वाले लोगों से मिले। ये लोग चार महीने से अधिक समय से अपना घर बार छोड़ कर राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
सिंह ने कहा कि देश को सीमा पर रहने वाले लोगों पर गर्व है और वे लोग देश के लिए सामरिक संपत्ति हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि भारत की कोई सबसे बड़ी सामरिक संपत्ति है तो यह भारतीय नागरिक हैं जो देश की सीमाओं पर रह रहे हैं। यदि हमें सामरिक सफलताएं मिलती हैं तो यह आपके योगदान से मिलती हैं। ’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने सीमा पर रह रहे लोगों की समस्याओं और चुनौतियों का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह गठित करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विशेषज्ञ समूह या अध्ययन समूह अपनी राय देगा और हम उस पर कार्रवाई करेंगे।’’ मंत्री ने कहा कि 60 बंकर बनाए गए हैं तथा सरकार ने और भी बंकर बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने थल सेना और बीएसएफ के सैनिकों की भी सराहना की और कहा कि देश को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा कि सीमा पर रहने वाले बाशिंदे पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन करने पर भी अडिग हैं। उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने में भी योगदान दिया है। इस योगदान को विस्मृत नहीं किया जा सकता।