चुनाव आयोग बदलेगा वीवीपीएटी मशीन की पर्ची का आकार

नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने ‘वोटर वेरीफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) मशीन से निकलने वाली कागज की पर्ची का आकार बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि मतदाता इसे और अच्छी तरह से देख सकें।मतदाता वीवीपीएटी पर्ची को सात सेकेंड के लिए देख सकते हैं। मतदाता जिस पार्टी को वोट देते हैं, उस बारे में यह पर्ची सत्यापन करती है।दरअसल, वीवीपीएटी एक ऐसी मशीन है जो उस पार्टी के चिह्न के साथ एक पर्ची निकालती है, जिसे मतदाता वोट देता है। कागज की यह पर्ची एक बक्से में गिर जाती है। हालांकि, मतदाता इस पर्ची को अपने साथ घर नहीं ले जा सकता।हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त एके जोती ने कहा कि पर्ची का आकार अब 5. 6 सेंमी से बढ़ा कर 10 सेंमी तक होगा, ताकि मतदाता इसे और अच्छी तरह से देख सके।गोवा के बाद हिमाचल प्रदेश दूसरा राज्य होगा जहां वीवीपीएटी की 100 फीसदी कवरेज होगी।जोती ने कहा कि 68 विधानसभा क्षेत्रों के एक – एक मतदान केंद्र से वीवीपीएटी मशीनों का ईवीएम नतीजों से मिलान किया जाएगा, ताकि वोटों की गिनती की जांच की जा सके।बाद में चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईवीएम में और पेपर ट्रेल मशीन के नतीजों में अंतर आने के मामले में कागज की पर्ची के नतीजे मान्य होंगे।भविष्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जाएगा।