ख्वाब के बाद अब रूह से जुड़ेगी खुशी कौर

अनिल बेदाग।
मुंबई। हर कलाकार को सच्ची खुशी तब मिलती है, देखने और सुनने वाले उसके टैलेंट की तारीफ करें। तारीफ का मतलब यही है कि उनकी मेहनत सफल हुई, जिसके लिए कलाकार ने कठिन तपस्या या कहें कि साधना की है। संगीत भी एक साधना है, जिससे गायक को सुकून मिलता है। संगीत की साधना करने वाले रूह से सीधा जुड़ते हैं और रूह से जुड़े गीत ही श्रोताओं के दिल में पहुंचते हैं। गायिका खुशी कौर के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है कि उनके म्यूजिक़ एलबम ख्वाब को श्रोताओं का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इस एलबम में आठ गीत हैं, जो श्रोताओं को एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं। ख्वाब के आठ गीत अलग-अलग मूड के हैं जिनमेें रोमांटिक भी है और सैड सॉन्ग भी। वैरायटी और भी है जिसे सुनकर श्रोता संगीत की एक रूहाणी दुनिया में चले जाएंगे। खुशी कहती हैं कि मेरा एक बैंड भी है जिनसे अच्छे और काबिल लोग जुड़े हैं। इन लोगों के साथ जब मैं स्टेज पर गई थी, तो मुझे मेरा ख्वाब पूरा होता नजऱ आया। ख्वाब यही था कि क्या मैं सही मायनों में श्रोताओं के बीच एक गायिका के रूप में कोई एलबम ला पाउंगी, लेकिन अब मेरा ख्वाब म्यूजिक़ एलबम के रूप में सबके सामने है। ख्वाब के बाद रूह से जुडऩा है। तनाव भरी जिंदगी में हम सुकून चाहते हैं जिसके लिए संगीत की गहराई में उतरना जरूरी है। गहराई रूह में है, जहां तक पहुंचने के लिए काफी साधना करनी पड़ती है और इसके लिए मैं वक्त निकालती हूं। इसे आप मेरी संगीत साधना भी कह सकते हैं क्योंकि जब तक मैं संगीत से खुद को नहीं जोड़ूंगी, श्रोताओं को भी रूह के साथ नहीं जोड़ पाउंगी। रूह भी एक एलबम के रूप में सामने आएगा जिसमें कई गीत होंगे।