योगीराज: यूपी में बियर और शराब की किल्लत

लखनऊ। आबकारी महकमे के अफसरों की तमाम मशक्कत के बावजूद उत्तर प्रदेश में नए वित्तीय वर्ष में शराब और बीयर की आपूर्ति सुधर नहीं पा रही है। पहली अप्रैल से प्रदेश में शराब और बीयर की बिक्री की नई व्यवस्था के तहत फुटकर विक्रेताओं को मांग के मुताबिक आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। वहीं शराब व बीयर की दुकानों से अच्छे ब्राण्ड गायब हैं। गर्मी के इस मौसम में बीयर की खपत बढ़ जाती है। मगर फुटकर विक्रेताओं को जरूरत भर बीयर की आपूर्ति ही नहीं हो पा रही है। अच्छे ब्राण्ड की अंग्रेजी शराब तो बाजार से पूरी तरह गायब है। गर्मी के इस मौसम में महाठण्डी बीयर के बैनर कहीं भी नजर नहीं आ रहे है। उधर, आबकारी विभाग के अफसर स्वीकार करते हैं कि डिस्टलरियों से शराब व बीयर की समुचित आपूर्ति न होने की वजह से विभाग को रोजाना करीब 50 से 60 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। फुटकर शराब और बीयर की बिक्री में कुछ व्यवस्थागत कठिनाई पैदा हो रही है। इसको सुलझाया जा रहा है। क्यों पेश आ रही है दिक्कतदरअसल नई आबकारी नीति के तहत नकली व मिलावटी शराब की रोकथाम के लिए शराब व बीयर की बोतलों व कैन से होलोग्राम हटा दिए गए हैं और इसके स्थान पर ट्रैक एण्ड ट्रेस नाम का नया आनलाइन सिस्टम लागू किया गया है। इस नए सिस्टम के तहत शराब व बीयर के उत्पादन और बोतलों व कैन में उनकी भराई के दौरान इनमें स्प्रिट के अंश, ब्लेण्डिंग व बाटलिंग आदि बार कोड सृजित किए जा रहे हैं। चूंकि प्रदेश की डिस्टलरियों के लिए यह बिल्कुल नई व्यवस्था है इसलिए बार कोड सृजित करने में ही समय लग रहा है।